मानवीय गतिविधियों के कारण धरती और समुद्र हो रहे गर्म ग्लोबल वार्मिंग पर दो दिवसीय सेमिनार का आज होगा अंतिम दिनलाइफ रिपोर्टर, पटनाजलवायु में आ रहे बदलावों और लगातार गरम हो रही धरती खतरनाक और चिन्ताजनक है. वैश्विक तापन से पृथ्वी की जलवायु प्रणाली, समुद्रों का स्तर, वनों और पर्यावरण का नुकसान और अंततः मानव जीवन प्रभावित हो रहा है. वैश्विक तापन से ही अति वृष्टि, चरम वर्षा, तुफान के साथ-साथ अन्य कई घटनाएं जिसे हम प्राकृतिक आपदा कहते है वो घट रही है. मानवीय गतिविधियों के कारण धरती और समुद्र गर्म हो रहे हैं. अगर आने वाले समय 100-200 वर्षों में अगर उचित प्रबंध नहीं किया गया तो काफी नुकसान होगा. परिवर्तन की गति इतनी ज्यादा है कि हजारों वर्षों में होने वाले बदलाव अब एक दशक में ही हुये जा रहे हैं. पृथ्वी का वातावरण एवं समुद्र गर्म हुए हैं, बर्फ तेजी से पिघल रही है, समुद्र की सतह का स्तर बढ़ रहा है तथा वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ी है. यह बातें पटना यूनिवर्सिटी वनस्पति विभाग के पूर्व एचओडी डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने कही. वह सोमवार को श्रीअरविंद महिला कॉलेज में ‘ग्लोबव वार्मिंग: कारण और निवारण’ पर दो दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. पहले सत्र को डॉ समीर कुमार सिन्हा व गोपाल शंकर सिंह ने संबोधित किया. पहले दिन दो टेक्निकल सेशन का आयोजित हुये. कार्यक्रम का समापन मंगलवार को होगा. इसमें देश के बड़े-बड़े वैज्ञानिक, भूगोलविद् के साथ-साथ कई विभिन्न विभाग के प्रोफेसर भाग ले रहे हैं. यह आयोजन वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कराया जा रहा है. इसके संयोजक कॉलेज में केमेस्ट्री विभाग के एचओडी डॉ अशोक कुमार गुप्ता है. कार्यक्रम में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के निदेशक धर्मेंद्र कुमार ने भी अपनी बात रखी. सेमिनार का उद्घाटन विधायक मंजू गीता ने की. मौके पर बीडी कॉलेज जूलॉजी विभाग के प्रो सुनीत सिंह, आरकेडी कॉलेज के डॉ रामाकांत शर्मा, डॉ शिवाधार शर्मा, डॉ एके घोष, डॉ अरविंद कुमार मिश्रा, डॉ गोपाल शंकर सिंह, डॉ तनुजा, डॉ दिनेश माथुर, डॉ सुरेश कुमार, प्रो बीआर बामिनया के साथ अरविंद महिला कॉलेज के सभी प्रोफेसर के साथ स्टूडेंट्स मौजूद थे. 2015 अब तक का सबसे गरम साल रहा हैसेमिनार में मौजूद लोगों ने कहा कि मनुष्य ने सामूहिक रूप से अपने पूर्वजों की चेतावनियों की उपेक्षा की है और धरती का सीना चीर कर उसके संसाधनों का अत्यधिक दोहन कर डाला है. पूरी धरती पर आज बढ़े हुये तापमान का असर देखा जा रहा है और धरती की जलवायु में विनाशक और अपरिवर्तनीय बदलावों के संकेत दिखाई दे रहे हैं. रह-रह कर मौसम अतिवादी रुख अपना रहा है जिसके चलते विनाशक चक्रवात, ज्वार, सूखा और बाढ़ के हालात देखने में आ रहे हैं. पिछले 14 वर्ष इस धरती पर सबसे ज्यादा तापमान वृद्धि के गवाह रहे हैं और 2015 अब तक का सबसे गरम साल रहा है.
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मानवीय गतिविधियों के कारण धरती और समुद्र हो रहे गर्म
मानवीय गतिविधियों के कारण धरती और समुद्र हो रहे गर्म ग्लोबल वार्मिंग पर दो दिवसीय सेमिनार का आज होगा अंतिम दिनलाइफ रिपोर्टर, पटनाजलवायु में आ रहे बदलावों और लगातार गरम हो रही धरती खतरनाक और चिन्ताजनक है. वैश्विक तापन से पृथ्वी की जलवायु प्रणाली, समुद्रों का स्तर, वनों और पर्यावरण का नुकसान और अंततः मानव […]
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