नशीली दवाओं का केंद्र बना पटना- औषधि विभाग की लापरवाही, खुलेआम बेची जा रही नशीली दवायें- होल सेल दुकानों में नशीली दवाओं का स्टॉक निर्धारित संख्या से ज्यादा- बिना डॉक्टर की परची के मिल रही है कोरेक्स, फेंसेडिल, रेक्सकोफ, एल्प्रोझोलाम जैसी दवायें आनंद तिवारी , पटनानशीली दवाओं का अवैध कारोबार पटना में धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. जिम्मेदार अधिकारियों की विफलता के कारण शहर की दवा दुकानों पर इनकी बिक्री खुले-आम हो रही हैं. कई दवायें तो ऐसी हैं जिन्हें डॉक्टरों ने भी परची पर लिखना भी बंद कर दिया है. इसके बावजूद इनकी बिक्री हो रही है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब औषधि विभाग ने राजधानी स्थित कई दुकानों पर छापेमारी की और बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं को जब्त किया. नियमों की उड़ रही हैं धज्जियांशहर के कई दुकानों में कोरेक्स, फेंसेडिल और नाइट्रावेट के साथ-साथ ऐसी कई अन्य दवायें आसानी से मिल जाती हैं जिनका उपयोग नशे के रूप में भी किया जाता है. नियमानुसार होल सेल की दुकान पर एक हजार दवा रखने का निमय है. वहीं, छापेमारी में पांच से सात हजार के बीच में दवायें मिली हैं. वहीं कोरेक्स या फेंसेडिल, रेक्सकोफ, एल्प्रोझोलाम ही नहीं अब नारकोटक्सि श्रेणी में आने वाली कई अन्य दवायें भी बिना डॉक्टर की पर्ची के बेची जा रही हैं.नेपाल तक होती है सप्लाईपटना से नशीली दवाओं की सप्लाई बिहार के अन्य हिस्सों के साथ-साथ नेपाल तक की जा रही है. हाल ही में बाइपास रोड व जीएम रोड में कई दवा कंपनियों के गोदाम से नशीली दवायें जब्त की गयी हैं. औषधि विभाग ने इन गोदामों को सील भी कर दिया है. पकड़े गये आरोपितों ने दवाओं के बाहर भी सप्लाई होने की बात कही है. इनके बयान के आधार पर विभाग मामला दर्ज कर अपनी टीम भेजने की तैयारी कर रही है. 18 ड्रग इंस्पेक्टर मौजूद, फिर भी बाहर से बुलानी पड़ती है टीमनशीली दवाओं का धंधा तेजी से बढ़ने के पीछे औषधि विभाग की लोकल टीम की लापरवाही भी बड़ी वजह है. पटना औषधि विभाग में 18 ड्रग इंस्पेक्टर मौजूद हैं. लेकिन, यह टीम शहर में छापेमारी नहीं करती. बिहार के दूसरे जिलों से ड्रग इंस्पेक्टरों को बुला कर छापेमारी की जा रही है. बाहरी टीम में भी महज पांच ही इंस्पेक्टर हैं, नतीजतन नशे का व्यापार बेखौफ चलता रहता है. जब भी मामला तूल पकड़ता है, विभाग बाहर से टीम बुलाकर कार्रवाई कराता है. लेकिन, कुछ दिन बाद दवा माफिया फिर से सक्रिय हो जाते हैं.नशे के लिए इस्तेमाल होती हैं ये दवायें- कोरेक्स- फेंसेडिल- रेक्सकोफ- एल्प्रोझोलामक्या कहते हैं अधिकारीअब तक के हुई छापेमारी में नशीली सहित कई प्रकार की दवाओं को जब्त किया जा चुका है. जिन दुकानों व गोदामों में तय मात्रा से अधिक दवा मिली हैं, उन पर कार्रवाई की है. इसके अलावा जो नशीली दवा बेचने का कारोबार करते हैं उनके खिलाफ विभाग एक्शन लेने जा रहा है.रमेश कुमार, ड्रग कंट्रोलर, औषधि विभाग
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नशीली दवाओं का केंद्र बना पटना
नशीली दवाओं का केंद्र बना पटना- औषधि विभाग की लापरवाही, खुलेआम बेची जा रही नशीली दवायें- होल सेल दुकानों में नशीली दवाओं का स्टॉक निर्धारित संख्या से ज्यादा- बिना डॉक्टर की परची के मिल रही है कोरेक्स, फेंसेडिल, रेक्सकोफ, एल्प्रोझोलाम जैसी दवायें आनंद तिवारी , पटनानशीली दवाओं का अवैध कारोबार पटना में धड़ल्ले से फल-फूल […]
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