पटना : पंचायत चुनाव में जन प्रतिनिधि पानी की तरह पैसा बहायेंगे. पंचायत चुनाव में तीन स्तरों के लिए दो लाख 50 हजार 375 पदों के लिए चुनाव कराया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने छह पदों के लिए चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. पंचायत चुनाव में पद तो महज ढाई लाख हैं, जबकि इस चुनाव में करीब 12 लाख उम्मीदवार विभिन्न स्तरों पर मैदान में उतरते हैं. छह पदों के लिए होनेवाले पंचायत चुनाव में हर पद के लिए महज दो प्रत्याशी ही मैदान में उतरते हैं, तो प्रस्तावित चुनाव खर्च के अनुसार प्रतिनिधियों द्वारा ही करीब 16 अरब 80 हजार करोड़ खर्च होंगे. पंचायत चुनाव का आकर्षण अब इसका चुनाव खर्च भी हो गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार के पास चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने की अनुशंसा की है.
इसमें हर स्तर पर चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है. मुखिया व सरपंच के चुनाव खर्च की सीमा को 25 हजार से बढ़ाकर 70 हजार कर दिया गया है. राज्य में ग्राम पंचायतों के मुखिया का पद 8397 स्वीकृत हैं. अगर हर पंचायत में मुखिया के लिए दो ही प्रतिनिधि चुनाव मैदान में उतरते हैं और 70-70 हजार खर्च करते हैं, तो पूरे राज्य मुखिया प्रत्याशियों द्वारा एक अरब 17 करोड़ 55 लाख से अधिक राशि खर्च की जायेगी. राज्य में सरपंच के इतने ही पद है. इन पदों पर भी दो-दो प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो सरपंच चुनाव के लिए भी प्रत्याशियों द्वारा एक अरब 17 करोड़ 55 लाख से अधिक रुपये खर्च किये जायेंगे. पंचायत समिति के लिए राज्य में 11516 पदों के लिए चुनाव कराया जा रहा है.
पंचायत समिति के सदस्य ही प्रखंड़ प्रमुख का चुनाव करते हैं. पंचायत सदस्य समिति के चुनाव खर्च की सीमा को 56 हजार करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. पंचायत समिति के हर पद के लिए दो उम्मीदवार होते हैं व प्रस्तावित सीमा में चुनाव खर्च करते हैं तो उम्मीदवारों द्वारा करीब एक अरब 28 करोड़ 97
लाख से अधिक पैसा खर्च होगा. इसी तरह से जिला परिषद के लिए राज्य में
1162 पदों पर चुनाव कराया जा रहा है. इस पद के उम्मीदवारों के खर्च की सीमा को 50 हजार से एक लाख 40 हजार करने का प्रस्ताव किया गया है.
जिला परिषद के हर पद के लिए दो उम्मीदवार होते हैं तो इस पद के उम्मीदवारों द्वारा चुनाव में करीब 32 करोड़ 53 लाख 60 हजार से अधिक राशि खर्च होगी. इसमें निर्विरोध उम्मीदवारों के चयन की उम्मीद कम ही होती है. साथ ही पंच को छोड़कर हर पद के लिए दो से अधिक उम्मीदवार ही मैदान में होते हैं.
नियमावली में संशोधन के बाद ही बढ़ेगा खर्च
पटना. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत के लिए चुनावी खर्च की प्रस्तावित सीमा के लिए सरकार को नियमावली में संशोधन करना होगा. बिना नियमावली में संशोधन के प्रत्याशियों को पुराने खर्च पर ही चुनाव लड़ना होगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को सरकार के पास चुनावी खर्च में वृद्धि का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है. पंचायत चुनाव में खर्च की सीमा में वृद्धि का प्रस्ताव आयोग ने तैयार किया है. सरकार इस प्रस्ताव के अनुमोदन के लिए नियमावली में संशोधन करेगी. पंचायती राज विभाग द्वारा आयोग के प्रस्ताव में संशोधन कर कैबिनेट की सहमति लेगा. इसके बाद पंचायती राज विभाग को अधिसूचना जारी करेगा. बिना नाियमावली में संशोधन के चुनावी खर्च की सीमा नहीं बढ़ायी जा सकती.
योग्य मतदाताओं का नाम जुड़ेगा मतदाता सूची में
पटना. विधानसभा चुनाव के कारण इस वर्ष मतदाता सूची का नया अद्यतीकरण अभियान नहीं चलाया गया. इस सूची में जिन मतदाताओं का नाम शामिल नहीं है, वैसे मतदाता पंचायत चुनाव की सूची में अपना नाम शामिल करा सकते हैं. राज्य निर्वाचन आयोग को सूचना मिल रही है कि प्रखंड स्तर पर कुछ पदाधिकारी मतदाता सूची में नाम शामिल कराने को लेकर इनकार कर रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग का मानना है कि वैसे मतदाता जिनकी आयु पहली जनवरी 2016 तक 18 वर्ष हो चुकी है या जिनका नाम विधानसभा मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ है, वे मतदाता अपना नाम पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए आवेदन दे सकते हैं. इसके लिए मतदाता वैध प्रमाण पत्र के साथ निर्धारित प्रपत्र में इआरओ के पास आवेदन जमा करा सकते हैं.