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पीएमसीएच में बनेगा कुपोषण पुनर्वास केंद्र

पीएमसीएच में बनेगा कुपोषण पुनर्वास केंद्र – स्वास्थ्य विभाग ने पत्र भेज दिया निर्देश, एक माह के अंदर केंद्र बनाने की डेडलाइन- केंद्र में डॉक्टर, नर्स, न्यूट्रीशन, काउंसेलर और रसोइये की संविदा पर होगी बहालीसंवाददाता, पटनाकुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पीएमसीएच में कुपोषण पुर्नवास केंद्र बनाया जायेगा. यहां कुपोषित बच्चों का इलाज […]

पीएमसीएच में बनेगा कुपोषण पुनर्वास केंद्र – स्वास्थ्य विभाग ने पत्र भेज दिया निर्देश, एक माह के अंदर केंद्र बनाने की डेडलाइन- केंद्र में डॉक्टर, नर्स, न्यूट्रीशन, काउंसेलर और रसोइये की संविदा पर होगी बहालीसंवाददाता, पटनाकुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पीएमसीएच में कुपोषण पुर्नवास केंद्र बनाया जायेगा. यहां कुपोषित बच्चों का इलाज किया जायेगा. बच्चों को उचित मेडिकल सुविधा मिल सके, इसके लिए अलग से स्टाफ रखे जायेंगे. इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के इडी ने शुक्रवार को पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन को पत्र जारी किया है. उसमें कहा गया है कि एक माह के अंदर किसी भी वार्ड में एक अलग से पुनर्वास केंद्र बनाया जाये, ताकि बच्चों का इलाज आसानी से हो सके. कुपोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों की भरती के लिए अलग वार्ड, किचन, शौचालय एवं बरामदा होना अनिवार्य है. इस सेंटर के संचालन के लिए स्टाफ की संविदा पर बहाली की जायेगी. साथ ही केंद्र को चलाने के लिए चिकित्सा पदाधिकारी, न्यूट्रीशन काउंसेलर, स्टाफ नर्स, रसोइया व केयर टेकर की नियुक्ति की जायेगी. कुपोषण पुनर्वास केंद्र का स्वरूप – बच्चों के मनोरंजन एवं मानसिक विकास के लिए दीवारों पर पेंटिंग व पोस्टर लगाये जायेंगे, जिसमें यूनीसेफ से तकनीकी सलाह ली जायेगी. – बच्चों का आहार भी वार्ड में ही बनेगा. इसके लिए अलग से कमरा भी होगा, जिसमें खाना बनाने के उपकरण व बरतन के साथ तौल व माप की भी व्यवस्था होगी. किचन में फ्रिज की भी व्यवस्था होगी.- बच्चों की माता के रहने के लिए कक्ष में बेड, गद्दे, चादर, मच्छरदानी तथा पंखे (आवश्यकतानुसार) की भी व्यवस्था रहेगी. – शौचालय और बाथरूम की भी व्यवस्था होगी. पुनर्वास केंद्र खोलने के उद्देश्य- पांच वर्ष के अति कुपोषित बच्चों की उचित देखभाल, ताकि शिशु एवं बाल मृत्युदर में कमी लाया जा सके.- अति कुपोषित बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के प्रति प्रोत्साहित करना.- बच्चों के खानपान व उचित देखभाल में माताओं के व्यवहार में परिवर्तन लाने की क्षमता को विकसित करना.- समुदाय को पोषण संबंधी समस्याओं व समाधान के प्रति जागरूक करना. ये सेवाएं दी जायेंगी- भरती कुपोषित बच्चों के चौबीस घंटे उचित देखभाल- आवश्यक जांच तथा उचित इलाज- खान-पान की व्यवस्था- मां व देखभाल करनेवालों को खान-पान और सफाई पर उचित परामर्श बजट आ गया, काम शुरू करना हैशुक्रवार को इडी की ओर से मुझे पत्र आया है. इसके आधार पर हम लोगों ने कुपोषित बच्चों के लिए अलग से पुनर्वास बनाने जा रहे हैं, इसके लिए बजट भी आ गया है. जगह निर्धारण के बाद काम चालू हो जायेगा. – डॉ एसएन सिन्हा, प्रिंसिपल, पीएमसीएच\\\\B

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