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भ्रष्टाचार पर वार: निगरानी ने रिश्वत लेते रंगेहाथ किया था गिरफ्तार, तीन घूसखोर कर्मचारी बरखास्त
पटना : कलेक्ट्रेट से जुड़े तीन कर्मचारियों को रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने उन तीनों को सेवा से बरखास्त कर दिया है. उन तीनों कर्मचारियों को निगरानी विभाग ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. बरखास्त होनेवालों में मनेर अंचल के राजस्व कर्मचारी मानस मनी देहाती, बख्तियारपुर के राजस्व कर्मचारी […]
पटना : कलेक्ट्रेट से जुड़े तीन कर्मचारियों को रिश्वत लेना महंगा पड़ गया. डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने उन तीनों को सेवा से बरखास्त कर दिया है. उन तीनों कर्मचारियों को निगरानी विभाग ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. बरखास्त होनेवालों में मनेर अंचल के राजस्व कर्मचारी मानस मनी देहाती, बख्तियारपुर के राजस्व कर्मचारी जनार्दन शर्मा और पुनपुन अंचल के लिपिक आलोक कुमार शर्मा शामिल हैं.
इन सभी के विरुद्ध निगरानी विभाग द्वारा गिरफ्तारी के बाद एफआइआर दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद उन पर प्रपत्र क में आरोप गठित करते हुए विभागीय कार्यवाही की गयी. आरोप सही साबित हुए और फिर उनसे कारण बताओ नोटिस मांगा गया. आरोप की गंभीरता और नोटिस का असंतोषजनक जवाब पाकर डीएम ने उन तीनों को बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के अालोक में बरखास्त कर दिया.
किस ने कितना लिया घूस
मनेर के अंचल राजस्व कर्मचारी मानस मनी देहाती 12 मार्च, 2013 को 10 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे थे. वहीं बख्तियारपुर के राजस्व कर्मचारी जनार्दन शर्मा 25 सितंबर, 2014 को पांच हजार रुपये रिश्वत में ले रहे थे. पुनपुन के लिपिक आलोक कुमार काम कराने के एवज में छह हजार रुपये ले रहे थे. इन तीनों को निगरानी पदाधिकारी ने रंगेहाथ पकड़ा था.
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