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स्वयं के अंदर के देशभक्त को जगाएं

स्वयं के अंदर के देशभक्त को जगाएंनेहरू युवा केंद्र संगठन ने आयोजित की राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगितापटना. नेहरू युवा केंद्र संगठन ने मंगलवार को गांधी संग्रहालय में राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया. भाषण का विषय था- देशभक्ति एवं राष्ट्रनिर्माण. प्रतियोगिता में बिहार के 38 जिलों से 38 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. सभी प्रतिभागियों […]

स्वयं के अंदर के देशभक्त को जगाएंनेहरू युवा केंद्र संगठन ने आयोजित की राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगितापटना. नेहरू युवा केंद्र संगठन ने मंगलवार को गांधी संग्रहालय में राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया. भाषण का विषय था- देशभक्ति एवं राष्ट्रनिर्माण. प्रतियोगिता में बिहार के 38 जिलों से 38 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. सभी प्रतिभागियों ने उक्त विषय पर अपना भाषण दिया. आयोजक नागेंद्र राय ने बताया कि नेहरू युवा केंद्र ने युवाओं को एक मंच दिया है, जहां वे अपने विचार और देशभक्ति को प्रकट कर सकें. सभी प्रतिभागी अपने-अपने जिले से भाषण प्रतियोगिता जीत कर आये हैं. इनमें से जो विजेता होंगे, उन्हें दिल्ली भाषण प्रतियोगिता में भेजा जायेगा और उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी. कुछ प्रतिभागियों के भाषण के अंश इस प्रकार हैं:सीमा गोस्वामी: हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का सपना था कि 2020 तक हमारा देश एक विकसित राष्ट्र होगा. पर, हम अपने दिल से पूछें तो हम आज भी वहीं हैं. क्या इन चार सालों में हम उनका सपना पूरा कर सकते हैं? कल तक हम ये कहते थे कि हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है. पर आज हम कहते हैं कि हम उस देश के वासी हैं, जिस देश में दंगा होता है. आपस में पंगा होता है. हमें मिल कर अपने देश के लिए जागरूक होना चाहिए. पुष्पा कुमारी: एक ओर हमारा देश चांद पर जाने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर गरीबी, घूसखोरी, बलात्कार, भ्रष्टाचार और नशाखाेरी इत्यादि भी है. भारत एक कृषि प्रधान देश है, फिर भी आज यहां एक किसान अपने बेटे को किसान नहीं बनाना चाहता है. हमारे देश के युवक डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर आदि बन कर दूसरे देशों में पैसे कमाने चले जाते हैं. आनंद कुमार (बांका): अगर हम अपने अंदर के देशभक्ति को जागरूक करें तो राष्ट्रनिर्माण स्वयं होगा. यूनिट से यूनिटी होता है, न की यूनिटी से यूनिट. एकता में बल है. अंकित राजन (भागलपुर): देशभक्ति जरूरी नहीं कि सीमा पर जाकर या शहीद होकर की जा सके. हम छोटे-छोटे काम कर के भी अपने देश का सहयोग कर सकते हैं, जैसे-वृक्षारोपण, सफाई करना इत्यादि. भ्रष्टाचार, बलात्कार जैसी घटनाओं को खत्म कर हम राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं. अक्षत राम नारायण: कोई कहता है गुजरात खतरे में है, कोई कहता है बिहार खतरे में है, कोई कहता है हिंदू खतरे में है, तो कोई कहता है मुसलमान खतरे में हैं. जरा आंखों से पट्टी उतार के देखो तो दिखेगा, इन सबके कारण हमारा हिंदुस्तान खतरे में है. पहले हमारे देश में राष्ट्रवाद पर काम होता था, पर वर्तमान में धर्मवाद शुरू हो गया है.इसी तरह सभी प्रतिभागियों ने अपने भाषण में देशभक्ति को प्रकट किया. कार्यक्रम के पैनल में मटुकनाथ, आनंद कुमार और प्रेम कुमार शामिल थे. प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को पटना हाइकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद ने पुरस्कृत किया. लखीसराय की नम्रता कुमारी को प्रथम स्थान मिला और उन्हें 25000 की राशि से पुरस्कृत किया गया, दूसरा स्थान पानेवाले छपरा के मनोरंजन को 10000 रुपये और तीसरे स्थान पर आये मुजफ्फरपुर के करणवीर को 5000 रुपये की राशि मिली.मौके पर नेहरू युवा केंद्र संगठन के नागेंद्र राय, करण कुमार हारून, अर्जुन, राजू, शिव कुमार राम और सचिन आदि शामिल थे.

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