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जर्जर गाड़ी चोरी कर बना देता था नयी, छह पकड़ाये

गोरखधंधा. दर्जन भर गैरेजों में गोलमाल, आधा दर्जन वाहन जब्त पटना : गर्दनीबाग थाने के न्यू बाइपास सोनाली पेट्रोल पंप के समीप एक दर्जन गैरेजों में चोरी की गाड़ियों के इंजन समेत अन्य पार्ट-पुर्जे निकाल कर जर्जर वाहनों में सेट कर नया बनाने का गोरखधंधा चल रहा था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब एसएसपी […]

गोरखधंधा. दर्जन भर गैरेजों में गोलमाल, आधा दर्जन वाहन जब्त
पटना : गर्दनीबाग थाने के न्यू बाइपास सोनाली पेट्रोल पंप के समीप एक दर्जन गैरेजों में चोरी की गाड़ियों के इंजन समेत अन्य पार्ट-पुर्जे निकाल कर जर्जर वाहनों में सेट कर नया बनाने का गोरखधंधा चल रहा था. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब एसएसपी मनु महाराज के निर्देश पर सिटी एसपी चंदन कुमार कुशवाहा ने वहां छापेमारी की. वहां मौजूद छह गैरेज कर्मियों को पकड़ लिया. साथ ही आधा दर्जन से अधिक स्कॉपियो व बोलेरो बरामद की गयी हैं और सैकड़ों वाहनों के पार्ट-पुर्जे बरामद किये गये हैं.
सिटी एसपी मध्य ने बताया कि जर्जर चोरी के वाहनों की रिमॉडलिंग किये ने का काम चल रहा था. पुलिस ने जुमराती, नट्टु, इस्लाम समेत आधा दर्जन जालसाजों को पकड़ा है. ये सभी फुलवारीशरीफ के रहनेवाले हैं. वहीं वाहन लूट में फरार आराेपी परवेज ने फुलवारीशरीफ थाने में पुलिस दबिश के बाद सरेंडर कर दिया. उन्होंने बताया कि शहर में काफी गैराजों में इस तरह का काम चल रहा है और पुलिस अब लगातार इन गैराजों में छापेमारी करेगी. पिछले दिनों वाहन चोरी मामले में मुस्तकीम व सैफ को चार दिन पहले पकड़ा था. उन्हीं से पूछताछ में जालसाजी का खुलासा हुआ.
नहीं मिटा पाये थे इंजन का चेचिस नंबर
बताया जाता है कि पुलिस ने जब गैरेजों में छापेमारी की, तो उन लोगों ने सभी गाड़ियों को सही बताया. लेकिन पुलिस ने वहां एक कमांडर जीप की चेकिंग की. उस जीप में बोलेरो का इंजन लगा कर उसे नया बनाने की तैयारी चल रही थी. गैरेज के लोगों ने इंजन तो लगा दिया था, लेकिन गलती से इंजन का चेचिस नंबर नहीं मिटा पाया था. इसी से मामला बिगड़ गया. पुलिस ने जब कमांडर के चेचिस नंबर व उसमें लगे इंजन के चेचिस नंबर से मिलान किया तो सारी हकीकत सामने आ गयी और चोरी पकड़ी गयी. इसके बाद जब अन्य अगल-बगल के गैराजों में भी पुलिस ने तलाशी ली. इसके बाद उन गैरेजों से भी इसी तरह की रिमॉडलिंग किये गये कई चरपहिया वाहन बरामद किये गये. साथ ही वहां से अन्य पार्ट-पुर्जे बरामद किये गये. सूत्रों के अनुसार पूछताछ में और भी खुलासा होने की पुलिस को उम्मीद है.
पटना के अलावा अन्य िजलों से जुड़े हैं तार
पहले वाहनों की चोरी और उसे खपाने का एक बड़ा रैकेट चल रहा है और पटना के साथ ही अन्य जिलों से भी तार जुड़े हैं. पूछताछ के बाद जानकारी मिली है कि लुटेरे चोरी के वाहनों को लाकर गैराज में छोड़ देते थे और अपनी रकम लेकर निकल जाते थे. इसके बाद गैराज में पुराना से नया बनाने का खेल शुरू हो जाता था. पुराने जर्जर वाहनों में उन चोरी के वाहनों के पार्ट-पुर्जे लगा कर पेंट कर नया बनाने के बाद बेचने का काम होता था.
50 हजार का वाहन बेचते थे पांच लाख में
सूत्रों के अनुसार आमतौर पर इंजन का चेचिस नंबर कभी भी चेकिंग में जांच नहीं किया जाता है, जिसके कारण यह गाड़ी आसानी से जर्जर वाहन के चेचिस नंबर के आधार पर ही चलते थे. बताया जाता है कि करीब दस लाख की कीमत की गाड़ी चुराने पर चोर को एक वाहन पर 50 हजार से 75 हजार मिलते थे और उसके बाद गैराज में उसे नया करके चार लाख से पांच लाख कीमत तक बेच दिया जाता था. इसके लिए गैराज संचालक पुराने जर्जर वाहनों को काफी कम कीमत में रद्दी के भाव में खरीद लेते थे.

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