छात्र के अपहरण को मजाक बनाया, लाश मिलने पर भी नहीं जगी संवेदना- पिता की मांग पर हत्या का केस दर्ज करने का हुआ आदेश- 16 दिसंबर को वेटनरी छात्र रोहित कुमार केशरी का हुआ था अपहरण 19 को दीघा में मिली थी लाश- पुलिस के अनुसंधान पर खड़े हो रहे सवाल, हर कदम पर हुई लापरवाहीसंवाददाता, पटना वेटनरी छात्र रोहित कुमार केशरी (23) के मौत के मामले में शास्त्रीनगर पुलिस की लापरवाही साफ उजागर हुई है. पुलिस ने शुरुआत में ही संजीदगी नहीं दिखायी. रोहित के अपहरण की सूचना को लेकर थाने पहुंचे उसके पिता के सामने पहले मजाक बनाया गया. जब वह बेटा के अपहरण पर आंसू बहा रहे तो थाने की पुलिस ने कहा वह अकेला गया है किसी को साथ लेकर आयेग(इशारा लड़की को लेकर भागने की तरफ था). तीन दिन बाद उसकी लाश मिली, बावजूद पुलिस की संवेदना नहीं जगी. अब पिता की शिकायत पर एसएसपी मनु महाराज ने प्रकरण की जांच सिटी एसपी को सौंपा है. उन्होंने 302 के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. दरअसल रोहित कुमार केशरी वेटरनी में फस्ट ईयर का छात्र था और शारीरिक रुप से विकलांग था. वह 16 दिसंबर को कॉलेज जाने के लिए निकला था और फिर उसका पता नहीं चला. उसके पिता अनिल कुमार ने शास्त्रीगनर थाने में गुमशुद्दगी दर्ज करायी जिसे बाद में अपहरण में तब्दील किया गया. लेकिन मामले की जांच गंभीरता से नहीं की गयी. रोहित के मोबाइल फोन का सीडीआर निकाला गया तो पता चला कि 16 की दोपहर को उसका सिमकार्ड दूसरे के मोबाइल में काम कर रहा था, जिस मोबाइल में सिम लगा था उसका इएमआइ नंबर की जानकारी होने के बावजूद उसकी खाेजबीन नहीं की गयी. इस तरह की तमाम लापरवाही बरती गयी. बेटा को खोजने की मांग को लेकर जब वह दूसरे दिन थाने गये तो एक पुलिस कर्मी ने इसका मजाक बनाया. 19 दिसंबर को दीघा इलाके में उसकी लाश मिली. घरवालों ने उसकी पीएमसीएच में शिनाख्त किया. उसका पोस्टमार्टम हुआ. रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ लेकिन विसरा पिर्जब कर लिया गया है. तब से लगातार घरवाले उसकी हत्या किये जाने की बात कह रहे हैं पर पुलिस न तो उनका बयान दर्ज कर रहे थे और न ही संदिग्ध लोगों से पूछताछ ही किये. जबिक रोहित के पिता को अाशंका है कि रैगिंग के कारण उसकी हत्या की गयी. फिलहाल अब इस मामले की मॉनीटरिंग सिटी एसपी को दी गयी है. शास्त्रीनगर पुलिस के अनुसंधान पर उठते सवाल- मोबाइल लोकेशन वैटनरी कॉलेज के पास मिलने के बावजूद गहरायी से खोजबीन क्यों नहीं की गयी. – छात्र के घर से वैटनरी कॉलेज तक लगे सीसीटीवी के फुटेज को क्यों नहीं खंगाला गया. – मौत के पांच दिन बाद भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया. – छात्र के लापता होने के संबंध में एफआइआर दर्ज होने के तीन दिन बाद तक क्यों रोहित के घरवालों का बयान नहीं लिया गया. जिन लोगों पर हत्या का शक है, उनसे पूछताछ भी नहीं की गयी. – 16 दिसंबर को जिस दिन राेहित लापता हुआ था उसी दिन 12 बजकर तीन मिनट, चौबीस सेकेंड से उसके मोबाइल का सिम दूसरे मोबाइल में लगाया गया था. इसकी पुष्टि सीडीआर से हुई है. लेकिन उस नंबर की जांच कयों नहीं की गयी, इसके तीन बाद रोहित की लाश मिली. – रोहित वेटनरी में फस्ट ईयर का छात्र था. वह शारीरिक रुप से विकलांग था. उसने घर पर बताया कि उसके सीनियर रैगिंग के नाम पर प्रताड़ित करते थे. इसकी जांच क्यों नहीं की गयी. – 18 दिसंबर को रोहित के पिता अनलि कुमार केशरी के मोबाइल फोन पर एक एसएमएस आया था, उसकी भी छानबीन नहीं की गयी.
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छात्र के अपहरण को मजाक बनाया, लाश मिलने पर भी नहीं जगी संवेदना
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