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केंद्रीय मंत्री से मिले श्रवण कुमार

केंद्रीय मंत्री से मिले श्रवण कुमारइंदिरा आवास समेत अन्य मदाें के लिए रखी मांग, मिला अाश्वासन (संशोधित)संवाददाता,पटनाकेंद्र सरकार सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए बिहार को अलग से मदद करेगी. इसके लिए उद्योग विहीन राज्यों को इस योजना के तहत अतिरिक्त धन राशि मुहैया कराने के एक प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. […]

केंद्रीय मंत्री से मिले श्रवण कुमारइंदिरा आवास समेत अन्य मदाें के लिए रखी मांग, मिला अाश्वासन (संशोधित)संवाददाता,पटनाकेंद्र सरकार सांसद आदर्श ग्राम योजना के लिए बिहार को अलग से मदद करेगी. इसके लिए उद्योग विहीन राज्यों को इस योजना के तहत अतिरिक्त धन राशि मुहैया कराने के एक प्रस्ताव पर केंद्र सरकार विचार कर रही है. जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस पर आधिकारिक तौर पर निर्णय लिया जायेगा. केंद्र सरकार इंदिरा आवास योजना के लिए बिहार की लंबित मांगों पर गौर करते हुए प्रत्येक लाभुकों को डेढ लाख रुपये मकान बनाने के लिए देगी. राज्य के ग्रामीम विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री ने श्रवण कुमार को यह आश्वासन दिया है. मुलाकात के बाद ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि बिहार के 38 लाख गृह विहीन परिवार जो केंद्र सरकार की परिभाषा से वंचित रह गये हैं, उनको गृह उपलब्ध कराने की मांग उन्होंने केंद्र सरकार से की है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने समुचित कार्रवाई का अाश्वासन दिया. ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में राज्य के 40 सांसदों पर 13 राज्य सभा सदस्यों द्वारा ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा राशि कर्णांकित नहीं होने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है. इसी तरह से इंदिरा आवास योजना में केंद्र द्वारा चार वित्तीय वर्षों में कर्णांकित राशि में 2254.81 करोड़ की कटौती कर ली गयी है. साथ ही इंदिरा आवास के मानकों में भी बदलाव की मांग की गयी. केंद्रीय मंत्री को बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए राज्य के सात जिलों जिसमें अरवल, भागलपुर, जहानाबाद, किशनगंज, सहरसा, सीवान व वैशीली शामिल हैं को द्वितीय किस्त केंद्रांश नहीं दिया गया दिया गया है. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य के नौ जिलों में भागलपुर, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सीवान, वैशाली, अरवल, किशनगंज व मधुबनी को प्रथम किस्त की केंद्रांश की राशि नहीं मिल रही है. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में आर्थिक विकास की खाई को पाटने के लिए श्यामा मुखर्जी मिशन के तहर राज्य को अधिक सहायता की जरूरत है. इसी तरह से मनरेगा योजना में पक्का कार्य के लिए सामग्री में केंद्रांश व राज्यांश के अनुपात 90:10 में परिवर्तित कर 75:25 किये जाने से राज्य सरकार का सामग्री मद में भार बढ़ गया है. साथ ही मनरेगा में मजदूरों के लिए मजदूरी दर 177 रुपये निर्धारित है. केंद्र सरकार इस मद में 162 रुपये ही देती है. इससे राज्य पर 15 रुपये कार्य दिवस पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. इसी तरह से जीविका मद में वित्तीय वर्ष 2015-16 में 750 करोड़ की मांग की जगह 56 करोड़ रुपये ही मिले हैं.

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