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साजिश में शामिल था सिक्यूरिटी गार्ड

पटना: बालमुकुंद टीएमटी सरिया के मालिक बालमुकुंद को अगवा करने की योजना में उनके घर का सिक्यूरिटी गार्ड भी शामिल था. सिक्यूरिटी गार्ड ने ही लाइनर का काम किया था. उसने ही जेल में बंद नागा सिंह व मृत्युंजय सिंह को बालमुकुंद की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी. सिक्यूरिटी गार्ड बड़हिया का ही […]

पटना: बालमुकुंद टीएमटी सरिया के मालिक बालमुकुंद को अगवा करने की योजना में उनके घर का सिक्यूरिटी गार्ड भी शामिल था. सिक्यूरिटी गार्ड ने ही लाइनर का काम किया था. उसने ही जेल में बंद नागा सिंह व मृत्युंजय सिंह को बालमुकुंद की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी थी. सिक्यूरिटी गार्ड बड़हिया का ही रहनेवाला है. वह धनबाद में ही बालमुकुंद के घर पर रहता है.

इसका खुलासा मंगलवार को पकड़े गये निरजेश सिंह उर्फ नागा सिंह व मृत्युंजय सिंह के तीन गुर्गो ने पूछताछ में किया है. इन गुर्गो ने यह भी बताया कि बालमुकुंद को अगवा करने की योजना के लिए इन लोगों ने धनबाद के भी कई लोकल अपराधियों की मदद ली थी. पटना व मोकामा से जो अपराधी धनबाद जाकर बालमुकुंद को अगवा करते, उन सभी को धनबाद के ही लोकल अपराधियों के ठिकानों पर रुकना था. पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने में इन अपराधियों को पांच से सात लाख रुपये भी खर्च होते. इतने पैसे लगाने के बाद इन लोगों ने 22 करोड़ रुपये फिरौती मांगने की योजना बनायी थी.

ड्राइवर की कर देते हत्या : पूछताछ में इन अपराधियों ने बताया कि पटना से जो चार पहिया वाहन इन लोगों को भाड़े पर लेना था. उसे मोकामा या बड़हिया में ले जाने के बाद चालक की हत्या कर वाहन को ले भागते. बाद में एक और वाहन लूटते. इन दोनों वाहनों से ही बालमुकुंद को अगवा करने की योजना थी. गिरफ्तार तीनों अपराधियों से पुलिस ने लंबी पूछताछ की है. इन अपराधियों ने दर्जन भर से अधिक गुर्गो के नाम भी बताये हैं. उन गुर्गो को भी पकड़ने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.

जेल से मिल रहे थे निर्देश : बालमुकुंद को अगवा करने की योजना को विफल करनेवाले पटना पुलिस की टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा. मंगलवार को टीम ने बाढ़ में जेल में बंद कुख्यात नागा सिंह व मृत्युंजय सिंह के तीन गुर्गो राहुल उर्फ भोथारी, राम रतन कुमार व अमनीश कुमार उर्फ घंटी को गिरफ्तार किया था. इनके पास से हथियार, कारतूस के साथ मोबाइल फोन भी बरामद किये गये थे. जब पुलिस ने इन्हें गिरफ्त में लिया, उस समय भी इनके मोबाइल फोन पर बाढ़ जेल से नागा व मृत्युंजय लगातार निर्देश दे रहा था. 9 अक्तूबर, 2006 को नागा को पकड़ने जब पुलिस उसके घर मोलदियार टोला के टालवंडी गली में छापेमारी करने गयी थी, तो उसने एके-47 से पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर भाग निकला था. मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी हवलदार गिरिधर झा, सिपाही साकेत बिहारी सिंह मारे गये थे. वहीं एएसआई श्याम बिहारी सिंह घायल हो गये थे. एसटीएफ ने नागा को 23 जुलाई, 04 को जमशेदपुर के आदित्यपुर से गिरफ्तार किया था. उसे बाढ़ उप कारा में रखा गया था, लेकिन कुछ महीने बाद ही वह जेल से भाग निकला था. काफी सालों तक वह फरार रहा. कुछ साल पहले फिर से पुलिस उसे ने पकड़ा. उसे काफी समय तक बेऊर जेल में रखा गया. बाद में उसे बाढ़ जेल भेज दिया गया. वहां उसकी सुरक्षा काफी सख्त कर दी गयी है. पुलिस जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.

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