पटना: बिहार एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने अपने गठन के साथ ही आतंकी गतिविधियों की जांच व अनुसंधान की कार्रवाई शुरू कर दी है. बिहार एटीएस के आइजी डॉ परेश सक्सेना के अनुसार बोधगया ब्लास्ट व पटना सीरियल ब्लास्ट की जांच के दौरान बिहार पुलिस के द्वारा जुटाये गये साक्ष्यों व बयानों के आधार पर जांच की कार्रवाई शुरू की गयी है.
जुड़ेंगे एसपी कार्यालय व थाने : बिहार एटीएस के साथ ही सभी जिला पुलिस अधीक्षकों के कार्यालयों व थानों को जोड़ने की कार्रवाई की जा रही है, ताकि इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी सदस्यों की गतिविधि पर नजर रखी जा सके. पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकी संगठनों से जुड़े तथ्यों व जानकारियों का डाटा बेस तैयार करने, उनके गतिविधियों से जुड़ी जानकारियों को बिहार के संदर्भ में एकत्र करने, दूसरे राज्यों से आतंकियों को दी जा रही आर्थिक मदद की जांच करने सहित अन्य कार्रवाई शुरू की जायेगी.
दो संदिग्धों पर हुई कार्रवाई : बिहार एटीएस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो दिन पूर्व बिहार पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर गया जिले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. उन पर बोधगया ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप है. दोनों आरोपियों से गया में पूछताछ की गयी है. पटना सीरियल बम ब्लास्ट व बोधगया ब्लास्ट में एक ही तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल किये जाने के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गयी. पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार उन दोनों संदिग्धों ने रांची से विस्फोटकों के लाये जाने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां बिहार एटीएस को दी है.
अत्याधुनिक जांच उपकरण से होगा लैस : बिहार एटीएस को फोन-फैक्स सहित अन्य तकनीकी व संचार सुविधाएं अलग से मुहैया करायी जायेगी. इसके साथ ही फोन सर्विलांस सिस्टम, फोन टैपिंग, ट्रैक रिकॉर्ड तैयार करने इत्यादि के अत्याधुनिक जांच उपकरणों से लैस किया जायेगा. इसके साथ ही सभी संचार व्यवस्था को देश के विभिन्न राज्यों के एटीएस व राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के साथ संबंद्ध किया जायेगा.