आवारा कुत्ताें के आतंक से परेशान हैं शहर के लोग – आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम के पास नहीं है कोई संसाधन – वेटनरी डॉक्टर से निगम मांगेगा सहयोग संवाददाता, पटनाराजधानी यानी निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग शाम होते ही असुरक्षित हो जाते हैं. घर में मच्छरों के प्रकोप से भयभीत हैं, तो घर के बाहर आवारा कुत्तों के आंतक से परेशान. दोनों से बचाव के लिए निगम के पास कोई संसाधन नहीं है. आलम यह है कि आवारा कुत्तों की वहज से रोजाना दो-चार लाेग दुर्घटनाग्रस्त होते हैं और 20 से 25 लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए पीएमसीएच पहुंचते हैं. वहीं, मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए लोग अपने-अपने घरों में मॉस्क्यूटो क्वाॅयल जला कर रहते हैं, बावजूद इसके निगम प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर शहरवासियों की परेशानी देख रहा है. वर्षों से ठप है आवारा कुत्ताें को पकड़ने का अभियान आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम में डॉग शूटर के पद पर कर्मचारी कार्यरत थे, लेकिन अब इस पद पर कोई नहीं है. हालांकि, अंचल स्तर पर आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया, लेकिन कभी सफल नहीं हुआ. स्थिति यह है कि शाम होते ही आवारा कुत्ते बाइक सवार व कार पर झपट्टा मारते हैं. कार सवार को तो कुछ नहीं होता, लेकिन बाइक सवार कभी-कभी दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं. अब निगम प्रशासन आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए विभाग से सहयोग मांगेगा, ताकि वेटनरी डॉक्टर के माध्यम से आवारा कुत्तों का समाधान निकाला जा सके.महीनों से नहीं हो रहा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव निगम में 72 वार्ड हैं, जिसमें 20 लाख की आबादी रहती है. इन लोगों को मच्छर से बचाने के लिए सिर्फ तीन फॉगिंग मशीन का उपयोग हो रहा है. कुछ दिन पहले राजधानी में डेंगू का प्रकोप भयावह होने के बाद भी रोटेशन पर फॉगिंग कराया जा रहा था. हालांकि अब तो मच्छर मारने की दवा का छिड़काव बंद ही हो गया है. वैसे भी फॉगिंग मशीन का उपयोग आमलोगों के लिए नहीं, बल्कि वीवीआइपी लोगों की हिफाजत के लिए हो रहा है. स्थिति यह है कि ठंड बढ़ने के बावजूद मच्छर का प्रकोप कम नहीं हुआ है. आमलोग नगर आयुक्त से लेकर अंचल कार्यपालक पदाधिकारियों को शिकायत पर शिकायत कर रहे हैं, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब निगम प्रशासन द्वारा 16 बड़ी फॉगिंग मशीन खरीदने का प्रस्ताव नगर आवास विकास विभाग को भेजा जा रहा है, ताकि विभागीय स्तर से मशीन खरीद कर उपलब्ध करायी जा सके. कोटनिगम में आवारा कुत्ताें को पकड़ने के लिए संसाधन नहीं है. इसको लेकर विभागीय स्तर पर विचार-विमर्श कर वेटनरी डॉक्टर से सहयोग मांगा जायेगा, ताकि आवारा कुत्तों को नियंत्रित किया जा सके. फॉगिंग मशीन खरीदने के लिए विभाग को प्रस्ताव भी भेज रहे हैं. जय सिंह, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम \\\\B
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आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं शहर के लोग
आवारा कुत्ताें के आतंक से परेशान हैं शहर के लोग – आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम के पास नहीं है कोई संसाधन – वेटनरी डॉक्टर से निगम मांगेगा सहयोग संवाददाता, पटनाराजधानी यानी निगम क्षेत्र में रहने वाले लोग शाम होते ही असुरक्षित हो जाते हैं. घर में मच्छरों के प्रकोप से भयभीत हैं, […]
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