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रक्त देने के लिए शरीर में रक्त ही नहीं

रक्त देने के लिए शरीर में रक्त ही नहींमगध महिला कॉलेज में रक्तदान शिविर में 150 छात्राओं में से केवल छह ही पायी गयीं रक्तदान के लायकलाइफ रिपाेर्टर @ पटनाआज की युवा पीढ़ी के अनियंत्रित खान-पान का असर उनके शरीर पर पड़ रहा है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब मगध महिला कॉलेज में […]

रक्त देने के लिए शरीर में रक्त ही नहींमगध महिला कॉलेज में रक्तदान शिविर में 150 छात्राओं में से केवल छह ही पायी गयीं रक्तदान के लायकलाइफ रिपाेर्टर @ पटनाआज की युवा पीढ़ी के अनियंत्रित खान-पान का असर उनके शरीर पर पड़ रहा है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब मगध महिला कॉलेज में आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान के लिए आयीं 150 गर्ल्स स्टूडेंट्स में से महज छह को ही रक्तदान के लायक माना गया. इस शिविर का आयोजन कॉलेज के एनएसएस विंग और एक निजी बैंक के सहयोग के साथ किया गया.मिले कई तरह के प्रॉब्लम्सइस रक्तदान शिविर में बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी की तरफ से विशेष बस को लाया गया था. रक्तदान करने से पहले डोनेट करने वाली गर्ल्स स्टूडेंट्स को सारे सावधानियों के बारे में जानकारी दी गयी. कॉलेज की एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अर्चना कटियार और कॉलेज के एनएसएस इकाई के डॉक्टर विमल कुमार ने बताया कि इस आयोजन में करीब 150 स्टूडेंट्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. डोनेट करने से पहले सभी का जरूरी चेकअप किया गया जिसमें किसी स्टूडेंट का वजन तय मानक 50 किलोग्राम से कम निकला, तो किसी का हीमोग्लोबिन तय मानक 12.30 प्रतिशत से कम रहा. खान-पान सुधारने की जरूरतइस शिविर में एक डॉक्टर और पारामेडिकल के छह स्टाफ थे. इसके अलावा एनएसएस के स्वयंसेवक भी इस कार्य में हाथ बंटा रहे थे. डॉक्टर अर्चना ने बताया कि इन सारी परेशानियों को दूर करने के लिए स्टूडेंट्स को ऑन स्पॉट जानकारी दी गयी. उन्होंने संदेह जताया कि आज के खान-पान का असर युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है. उन्हें अपना खान-पान सुधारने की जरूरत है.

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