पटना: सरकारी विद्यालय की स्थिति पूरी तरह से भगवान भरोसे है. जहां न तो भवन की स्थिति ठीक है और न ही वहां की शिक्षा व्यवस्था. शिक्षा के एक भी मानक इन विद्यालयों में पूरे नहीं होते है. इससे विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल रही है. कन्या मध्य विद्यालय गर्दनीबाग में लगभग 450 से अधिक छात्रएं पढ़ाई करती हैं. विद्यालय में कमरे 10 हैं, लेकिन पढ़ाई मात्र 4 में ही होती है. क्योंकि अधिकांश कमरे जजर्र है. लड़कियां उन्हीं चार कमरों में बैठ कर पढ़ाई करती हैं.
गार्ड की व्यवस्था नहीं
विद्यालय में चहारदीवारी नहीं होने से लड़कियों की सुरक्षा भी दावं पर है. यहां स्थानीय लोग आसानी से कैंपस में प्रवेश कर रहे हैं. साथ ही विद्यालय के गेट पर बने गार्ड रूम भी पूरी तरह से खंडहर स्थिति में है. इससे लड़कियों के विद्यालय में गार्ड की भी व्यवस्था नहीं है. विद्यालय पुरी तरह से खंडहर का रूप ले चुका है. बावजूद इसमें बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं. कमरों की दिवारें भी पुरी तरह से टूट चुकी हैं. ऊपर से छत भी दरकती रहती है. सातवीं कक्षा की छात्र सोनी कुमारी बताती हैं कि क्लास रूम में जाने से डर लता है. कब कौन सा छत का टुकड़ा गिर जाये.
परिसर एक, विद्यालय दो
एक ही विद्यालय परिसर में प्राथमिक विद्यालय गर्दनीबाग व आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है.
सुविधाएं नदारद
इससे विद्यालय में दिन भर बच्चों की उपस्थिति तो बनी रहती है, लेकिन यहां सुविधाएं नदारद हैं. न तो बच्चों के बैठने की जगह है और न ही शौचालय की सुविधा. इस कारण परेशानी होती है.