पटना : जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बस व ऑटो पर हो रहे ओवरलोडिंग के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. इसके विरोध में सोमवार को प्राइवेट बस व ऑटो ऑपरेटर सांकेतिक हड़ताल पर चले गये हैं.
इसका असर सड़कों पर भी दिखा. प्राइवेट ऑटो व बस से बच्चों को स्कूल भेजनेवाले अभिभावक खुद स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर हुए. इतना ही नहीं, समय के अभाव में हजारों की संख्या में अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल नहीं पहुंचा पाये. इससे बच्चों की एक दिन की पढ़ाई बाधित हुई.
मांगों पर नहीं बनी सहमति
ऑटो मेन्स यूनियन ने सांकेतिक हड़ताल करने के बाद प्रमंडलीय आयुक्त से मांगों को लेकर वार्ता की. प्रमंडलीय आयुक्त ने ऑटो संघ से वार्ता की जिम्मेवारी डीएम, पटना को दिया. इसके तहत डीएम डॉ एन सरवण कुमार ने यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल से बात की, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पायी.
डीएम ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. किसी हालत में ओवरलोडिंग कर स्कूली वाहन नहीं चलने दिया जायेगा. अगर ओवरलोडिंग में स्कूली वाहन पकड़े जाते हैं, तो कानूनी कार्रवाई होगी.
क्या कह रहे ऑटो संघ
ऑटो संघों का कहना है कि स्कूल का सत्र अप्रैल से शुरू होता है और उसी समय साल भर के लिए बच्चों की बुकिंग होती है. ओवरलोडिंग के कारण ही अभिभावकों से कम किराया वसूला जाता है. अगर क्षमता के अनुरूप बच्चे बैठायेंगे, तो अभिभावक से ज्यादा किराया लेना पड़ेगा.
अगर ओवरलोडिंग बंद ही करना है, तो नये सत्र से नियम लागू करे. उस समय जब बुकिंग होगी, तो प्रति छात्र पांच से सात सौ रुपये की जगह हजार से दो हजार रुपये लेंगे. बीच में अचानक किराया बढ़ाना उचित नहीं होगा.