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टॉपर्स बोले : पैटर्न एनसीइआरटी का और बुक्स बिहार टेक्स्ट का, ऐसा क्यों
पटना : जब 9वीं और 10वीं में एनसीइआरटी के पैटर्न को बिहार बोर्ड में लागू किया गया है, तो फिर बिहार टेक्स्ट बुक के किताबें कोर्स में क्यों चलायी जा रही है. बिहार टेक्स्ट बुक के किताबों में काफी गलती है. 2005 के बाद किताबों को नयी प्रिंट भी नहीं किया गया है. हमें पुराने […]
पटना : जब 9वीं और 10वीं में एनसीइआरटी के पैटर्न को बिहार बोर्ड में लागू किया गया है, तो फिर बिहार टेक्स्ट बुक के किताबें कोर्स में क्यों चलायी जा रही है. बिहार टेक्स्ट बुक के किताबों में काफी गलती है. 2005 के बाद किताबों को नयी प्रिंट भी नहीं किया गया है. हमें पुराने किताबों से ही काम चलाना पड़ता है. बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित मैट्रिक और इंटरमीडिएट के टॉपर्स के सम्मान समारोह में टॉपर ने कहा कि शिक्षा में सुधार तभी होगा जब किताबों को चेंज किया जायेगा.
सीबीएसइ के पैटर्न को फॉलो कर रही बिहार बोर्ड के स्कूलों में एनसीइआरटी की बुक्स नहीं, बल्कि बिहार टेक्स्ट पब्लिकेशन की बुक चलती है. प्रभात खबर से बातचीत के दौरान मैट्रिक के टॉपर जहां किताबों में परिवर्तन और इंगलिश को कंपलशरी करने की बातों पर जोर दिया, वहीं इंटरमीडिएट के टॉपर्स ने कहा कि परीक्षा में क्वेशचन का पैटर्न बहुत ही कमजोर होता है. इसमें सुधार होना चाहिए. टॉपर से बातचीत के मुख्य अंश…
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