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बेड के अभाव में नवजात की मौत
पटना सिटी: नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में स्थित निक्कू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में बेड खाली नहीं रहने व वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलने से छह दिनों के नवजात की मौत हो गयी. वैशाली के राघोपुर निवासी सनोज दास की पत्नी उषा देवी ने राघोपुर सरकारी अस्पताल में 24 नंवबर […]
पटना सिटी: नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में स्थित निक्कू (नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई) में बेड खाली नहीं रहने व वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिलने से छह दिनों के नवजात की मौत हो गयी. वैशाली के राघोपुर निवासी सनोज दास की पत्नी उषा देवी ने राघोपुर सरकारी अस्पताल में 24 नंवबर को एक बच्ची को जन्म दिया था.
लेकिन, बच्ची की तबीयत बिगड़ता देख चिकित्सकों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया. यहां भी बेड नहीं मिलने व वेटिलेंटर खाली नहीं रहने की स्थिति में बच्चे को परिवारवाले एनएमसीएच में रविवार की देर रात लेकर आये, ताकि निक्कू में भरती कराया जा सके. एनएमसीएच में भी बेड खाली नहीं मिली. इलाज के अभाव में निजी उपचार केंद्र ले जाने के दरम्यान रास्ते में ही नवजात की मौत हो गयी.
विभागाध्यक्ष डॉ अलका सिंह का कहना है कि नवजात को शिशु विभाग की इमरजेंसी में रविवार की रात सहायक प्रोफेसर अभिताभ रंजन व पीजी स्टूटेंड डॉ रंजीत ने उपचार किया था. बताया जाता है कि उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह से एमबुलेंस से निजी उपचार केंद्र ले जाने की सलाह दी गयी थी. इसी बीच रास्ते में उसकी मौत हो गयी. विभागाध्यक्ष के अनुसार 24 बेड के निक्कू में अभी 12 बेड पर ही नवजात को भरती किया जा रहा है, जबकि 12 बेड पर साफ-सफाई चल रही है. इसी तरह सात वेटिंलेटर है, सातों पर नवजात है, इस वजह से बच्ची को भरती नहीं किया गया.
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