वहीं, सभी प्रकार के व्यावसायिक भवनों के लिए यह दर आठ रुपये प्रति स्क्वायर फुट थी, जिसे अब तीन श्रेणियों में बांट कर 24, 26 और 48 रुपये प्रति स्क्वायर फुट कर दिया गया है. शुल्क में बढ़ोतरी होने के कारण नक्शा पारित करनेवाले आम आदमी या बिल्डरों में उत्साह नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि पिछले छह माह में नक्शा पारित करने के लिए सिर्फ 42 आवेदन आये हैं. इसमें से एक आवेदक का ही नक्शा पारित किया जा सका है.
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पटना: नक्शा पास कराना छह गुना महंगा
पटना: नगर निगम में नक्शा पारित कराना छह गुना तक महंगा हो गया है. आवासीय भवनों के लिए नक्शा पारित कराने का शुल्क दो रुपये से लेकर आठ रुपये प्रति स्क्वायर फुट की दर से लिया जा रहा था. इसे नये बिल्डिंग बायलॉज में 12 रुपये से लेकर और 24 रुपये प्रति स्क्वायर फुट कर […]
पटना: नगर निगम में नक्शा पारित कराना छह गुना तक महंगा हो गया है. आवासीय भवनों के लिए नक्शा पारित कराने का शुल्क दो रुपये से लेकर आठ रुपये प्रति स्क्वायर फुट की दर से लिया जा रहा था. इसे नये बिल्डिंग बायलॉज में 12 रुपये से लेकर और 24 रुपये प्रति स्क्वायर फुट कर दिया गया है.
आवासीय नक्शा पारित करने की दर
भवन का प्रकार नयी दर पुरानी दर
10 मीटर तक 12 रुपया दो रुपया
10 से 15 मीटर 18 रुपया चार रुपया
15 मीटर से अधिक 24 रुपया छह रुपया
व्यावसायिक भवनों की दर
10 मीटर ऊंची इमारत 24 रुपया
10 से 15 मीटर ऊंची इमारत 36 रुपया
15 मीटर से ऊंची इमारत 48 रुपया
सिर्फ एक ही नक्शा पारित
निगम प्रशासन ने नक्शा पारित करने के लिए पांच टीम गठित की है, जो आवेदनों की जांच कर शहरी योजना के निदेशक को पारित करने की अनुशंसा करेगी. इसके बाद नगर आयुक्त नक्शा पारित करेंगे. अब तक सिर्फ एक नक्शा राजेंद्र नगर का पारित किया गया है. इसकी वजह है कि शहरी योजना शाखा नक्शे की जांच करने में सुस्त है. हालांकि निगम अधिकारियों की दलील है कि छठ की तैयारी में आलाधिकारी लगे थे, जिससे नक्शा की जांच में देरी हुई है. अब नक्शा पारित करने की प्रक्रिया तेज होगी.
पर्याप्त संख्या में नहीं आवेदन
नक्शा पारित करने पर तीन वर्षों तक पाबंदी लगी रही. इस दौरान बिल्डरों के कई संगठनों ने राज्य के निवेश पर बड़ा खतरा बताया था. बड़ी मशक्कत के बाद बिल्डिंग बायलॉज बनाया गया और पारित किया गया. इसके बाद पिछले छह माह से नक्शा पारित करने की प्रक्रिया शुरू की गयी, तो बिल्डर ने रुची नहीं दिखायी.
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