पटना: कार्तिक शुक्ल अक्षय नवमी पर सोमवार को जगह-जगह आंवला वृक्ष की पूजा-अर्चना हुई. महिलाओं ने भगवान विष्णु व लक्ष्मी की पूजा की. उन्होंने पूजा कर परिवार के सुख-समृद्धि की मंगल कामना की.
साथ ही आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बना कर खाया. पंडित मरकडेय के अनुसार आंवला में भगवान विष्णु का निवास स्थान व सृष्टि का पहले वृक्ष के रूप में इसकी पूजा होती है. इस दिन गुप्त दान का भी विशेष महत्व है. इस दिन गुप्त तरीके से फल, मिठाई व वस्त्र आदि दान कर आजीवन अक्षय होने का वरदान मांगा जाता है. खासकर इस दिन भतुआ दान करने की परंपरा है.
सुबह से रही गंगा घाटों पर भीड़
सोमवार की अहले सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही. श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर आंवला वृक्ष के नीचे पूजा -अर्चना कर दान किया. महिलाएं कच्चे धागे से आंवला वृक्ष की फेरी लगायी. साथ ही खीचड़ी बना कर प्रसाद वितरित किया.