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बिहार बोर्ड का कारनामा, कॉपी की बिना स्क्रूटनी के कह दिया नो चेंज
पटना: मैट्रिक परीक्षा में सभी विषयों में अच्छे अंक आये. लेकिन, इंगलिश में फेल हो गयी. स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया, तो बोर्ड ने नो चेंज कर रिजल्ट जस-का-तस रखा. अब जब सूचना के अधिकार के तहत इंगलिश की उत्तर पुस्तिका निकाली गयी, तो पता चला कि उत्तर पुस्तिका की जांच ही नहीं हुई. सुपौल […]
पटना: मैट्रिक परीक्षा में सभी विषयों में अच्छे अंक आये. लेकिन, इंगलिश में फेल हो गयी. स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया, तो बोर्ड ने नो चेंज कर रिजल्ट जस-का-तस रखा. अब जब सूचना के अधिकार के तहत इंगलिश की उत्तर पुस्तिका निकाली गयी, तो पता चला कि उत्तर पुस्तिका की जांच ही नहीं हुई. सुपौल की विनिता कुमारी (रौल नंबर 1500113, रौल कोड 42038) गुुरुवार को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में इंगलिश की उत्तर पुस्तिका लेकर बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने मिली. अध्यक्ष ने जल्द-से-जल्द सही रिजल्ट देने का वादा भी किया है.
शिक्षक की गलती की सजा छात्रा को
सारे विषयों में पास होने के बावजूद शिक्षक की एक गलती से विनीता कुमारी फेल हो गयी. प्लस टू में उसका नामांकन नहीं हो पाया. विनीता के अनुसार 17 मार्च, 2015 को द्वितीय पाली में इंगलिश की परीक्षा हुई थी. उत्तर पुस्तिका में सारे प्रश्न के जवाब भी लिखे हुए हैं. शिक्षक ने उत्तर पुस्तिका की जांच किये बिना ही उत्तर पुस्तिका में 14 अंक डाल दिये. आश्चर्य की बात है कि उत्तर पुस्तिका के प्रथम पेज पर हर प्रश्न के अलग-अलग अंक भी चढ़ाये गये हैं. लेकिन, अंदर के पेज पर एक भी प्रश्न की जांच नहीं हुई है. इंगलिश में पास करने के लिए विनीता को 30 अंक चाहिए थे. हाइस्कूल जदिया, सुपौल की छात्रा विनीता कुमारी ने मैट्रिक की द्वितीय पाली की परीक्षा जेनरल हाइस्कूल, त्रिवेणीगंज में दी थी.
जून में उत्तर पुस्तिका लेने के लिए आवेदन
रिजल्ट में गड़बड़ी होने के बाद विनीता कुमारी ने तुरंत स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया. इसके साथ ही सूचना के अधिकार के तहत उसने उत्तर पुस्तिका लेने के लिए आवेदन किया. विनीता के पिता प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि स्क्रूटनी में नो चेंज आ गया. उसके बाद हम बोर्ड का चक्कर लगाते रहे कि उत्तर पुस्तिका जल्द-से-जल्द मिले. लेकिन, उत्तर पुस्तिका 19 नवंबर, 2015 को छह महीने के बाद मिला है. उत्तर पुस्तिका देखने के बाद पता चला है कि उत्तर पुस्तिका की जांच ही नहीं हुई है.
इंगलिश के अंक नहीं जुड़ते हैं
वैसे बिहार बोर्ड की मैट्रिक की इंगलिश की परीक्षा में छात्र को सिर्फ एपियर होना जरूरी होता है. इंगलिश के अंक पूर्णांक में नहीं जुड़ते हैं. ऐसे में छात्र का नामांकन बिहार के किसी भी स्कूल या कॉलेज में तो हो जाता है, लेकिन बिहार के बाहर दूसरे कॉलेज या स्कूल में नामांकन नहीं हो पाता है. कुछ ऐसा ही विनीता कुमारी के साथ भी हुआ. विनीता को रांची में प्लस टू में नामांकन लेना था, लेकिन विनीता कुमारी का नामांकन अभी तक नहीं हो पाया है. क्याेंकि नामांकन के लिए उसे इंगलिश में 70 फीसदी के अधिक अंक होने चाहिए.
विनीता की उत्तर पुस्तिका मैंने भी देखी है. इस मामले को तुरंत सही किया जायेगा. एक सप्ताह में उत्तर पुस्तिका की जांच के बाद सही अंक दिये जायेंगी. शिक्षक की गलती की वजह से छात्रा परेशान हुई. कॉपी का मूल्यांकन किस सेंटर पर हुआ, इसका पता लगाया जायेगा.
लालकेश्वर प्रसाद सिंह, अध्यक्ष, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
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