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पटना होगा भिखारी मुक्त

पटना: अब पटना को भिखारी मुक्त राजधानी बनाया जायेगा. समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत अब राजधानी में भिक्षावृत्ति कार्यों में लगे लोगों के बीच अभियान चलाया जायेगा, ताकि लोगों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति मिल सकें. समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित इकाई सक्षम की ओर से ‘ […]

पटना: अब पटना को भिखारी मुक्त राजधानी बनाया जायेगा. समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना के तहत अब राजधानी में भिक्षावृत्ति कार्यों में लगे लोगों के बीच अभियान चलाया जायेगा, ताकि लोगों को भिक्षावृत्ति से मुक्ति मिल सकें. समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित इकाई सक्षम की ओर से ‘ दान नहीं सम्मान ‘ कैंपेन की शुरुआत की जा रही है. इसके तहत वैसे इलाकों को चिह्नित किया गया है. जहां बूढ़े, बच्चे व महिलाएं भिक्षावृत्ति कर जीवनयापन कर रहे हैं.

महावीर मंदिर से शुरुआत
अभियान की शुरुआत पटना जंकशन स्थित हनुमान मंदिर से किया जायेगा. इसके अलावा बोरिंग केनाल रोड, गांधी मैदान अादि इलाकों में भी अभियान चलाया जाना है. इनकी मदद करनेवाले लोगों को भी जागरूक किया जायेगा. ताकि लोग उन्हें पैसे न देकर उन्हें सम्मान की जिंदगी दे सकें. विभाग की ओर से इन भिखारियों के अकाउंट भी खोले जायेंगे. इस अकाउंट का नंबर जगह-जगह डिसप्ले किया जायेगा. ताकि शहर में किभी भी भिखारी की कोई मदद करना चाहे, तो विभाग के अकाउंट में डाल सकें. उसका इस्तेमाल भिखारियाें के लिए किया जायेगा.

पॉकेट शो से जागरूकता
चिह्नित इलाकाें में पॉकेट शो किया जायेगा. इसमें पोस्टर प्रदर्शनी के अलावा नुक्कड़ नाटक के जरिये लोगों को सरकार की योजनाओं की जानकारी दी जायेगी. ताकि लोग आसपास के भिखारियों की सूचना सरकार को भी दें सकें. सूचना मिलने के बाद सक्षम के कार्यकर्ता वहां लोगों की मदद के लिए पहुंचेंगे.

इस अभियान के जरिये न केवल सड़क पर भीख मांग रहे भिखारियों की मदद की जायेगी, बल्कि उनके पूरे परिवार को कैंपेन से जोड़ा जायेगा. घर के महिलाओं को भी कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जायेगा. वहीं, उनके बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराया जायेगा. ताकि वे दोबारा भिक्षावृत्ति कार्यों में न आ सकें.

चलाये जा रहे हैं 14 होम
वर्ष 2012 में योजना के तहत राजधानी में करीब 2500 भिखारियों का सर्वें कराया गया था. इसमें 12 सौ से अधिक भिखारियों को पुनर्वासित किया गया है. राजधानी समेत सात जिलों में कुल 14 होम चलाये जा रहे हैं. जहां महिला और पुरुष भिखारियों को सुरक्षित रखा गया है.

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