पूछताछ में इम्तियाज ने खोले कई राज
पटना :27 अक्तूबर को हुंकार रैली के दिन होटल मौर्या के पास ब्लास्ट कर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली को उड़ाने की साजिश थी. पटना जंकशन पर ब्लास्ट के समय गिरफ्तार आइएम के आतंकी इम्तियाज ने पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किये हैं.
पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान बनाये गये वीडियो फुटेज के माध्यम से आतंक का सच सामने आया है. वीडियो फुटेज में पूछताछ के दौरान इम्तियाज ने बताया कि उसे गांधी मैदान के पास एक होटल के पास बम रखना था. हालांकि, उसने उस होटल का नाम पता होने से इनकार किया. उसने बताया कि उसे और उसके साथियों को रांची में इस सीरियल बम ब्लास्ट को लेकर प्रशिक्षण दिया गया और बम सौंपे गये.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इम्तियाज ने सभी नामों की जानकारी दी, जिन्हें प्रशिक्षण के बाद पटना में ब्लास्ट के लिए रांची से भेजा गया. वीडियो फुटेज में वह पुलिसकर्मियों से पानी के साथ दवा की मांग कर रहा है.
पुलिसकर्मियों द्वारा उसे पहले पानी पीने की सलाह दी जा रही है. पुलिस ने इम्तियाज की एक- एक बात की रेकॉर्डिग की है, जिसमें नवयुवकों को बरगला कर आतंक की ट्रेनिंग के दौरान उत्तेजक भाषण, उन्मादी साहित्य की जानकारी देने की बात शामिल है. उसने बताया कि रांची में बड़े स्तर पर आइएम की ओर से युवकों को लाकर प्रशिक्षित किया जा रहा था. उसने यह भी बताया कि तहसीन उर्फ मोनू व हैदर ने मिल कर पटना सीरियल बम ब्लास्ट की साजिश रची थी. इसके लिए उन्हें पाकिस्तान से यासीन भटकल का भाई दिशा-निर्देश दे रहा था.
वे जो टाइम बम लेकर पटना आये थे, वे मुजिबुल के लॉज में ही बने थे. सात दिनों तक पूछताछ के बाद इम्तियाज को रेल पुलिस ने उसे जेल वापस भेज दिया है. अब उसे गांधी मैदान थाने में दर्ज दूसरी प्राथमिकी में रिमांड पर लेने की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू की है. इम्तियाज आइएम से लंबे समय से जुड़ा है.
रियाज भटकल ने सितंबर में किया था बॉर्डर की रेकी
मधुबनी :इंडियन मुजाहिद्दीन के गिरफ्तार आतंकी यासीन भटकल का भाई रियाज भटकल सितंबर माह में बॉर्डर की रेकी की थी. इस दौरान वह भारत-नेपाल बॉर्डर से सटे (नेपाल में) एक गांव पहुंचा था. उसके साथ तीन अन्य लोग भी थे. रियाज किस मकसद से सीमावर्ती इलाके में पहुंचा था, इसका अब तक खुलासा नहीं हो सका है. बताया जाता है कि वह सितंबर माह की पहली सप्ताह में इस गांव पहुंचा था. खुफिया एजेंसी को भी रियाज के आने की सूचना मिली थी, पर तब तक वह इलाका छोड़ चुका था.
खुफिया सूत्रों की मानें, तो रियाज तीन से पांच सितंबर के बीच बॉर्डर इलाके के एक गांव में आया था. वह काठमांडू से हवाई जहाज से जनकपुर पहुंचा था. फिर चार पहिया वाहन से अपने दो अन्य साथियों के साथ उक्त गांव गया.