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बीएड के बाद अब एमएड में नामांकन की शुरू होगी प्रक्रिया

बीएड के बाद अब एमएड में नामांकन की शुरू होगी प्रक्रिया – बीएड में नामांकन फॉर्म भरने की तिथि समाप्त – एमएड का रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस विभाग को मिला – दीपावली की छुट्टी के बाद घोषित की जायेगी तिथि संवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में बीएड के बाद अब एमएड की नामांकन प्रक्रिया भी जल्द शुरू […]

बीएड के बाद अब एमएड में नामांकन की शुरू होगी प्रक्रिया – बीएड में नामांकन फॉर्म भरने की तिथि समाप्त – एमएड का रेगुलेशन व ऑर्डिनेंस विभाग को मिला – दीपावली की छुट्टी के बाद घोषित की जायेगी तिथि संवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय में बीएड के बाद अब एमएड की नामांकन प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी. एमएड को लेकर नामांकन प्रक्रिया अब जल्द शुरू होगी. दीपावली की छुट्टी समाप्त होते ही तिथियों की घोषणा भी कर दी जायेगी और नामांकन प्रक्रिया को लेकर काम शुरू हो जायेगा. एमएड में भी इस बार नया सिलेबस लागू किया गया है. रेगूलेशन और ऑर्डिनेंस भी नया है जो राजभवन के द्वारा तैयार किया गया है. पटना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो वासे जफर ने बताया कि एंट्रेंस कमेटी की बैठक इसी महीने बुलाई जायेगी और नामांकन प्रक्रिया तय की जायेगी. उन्होंने कहा कि नये सिलेबस के अनुसार एमएड की पढ़ाई होगी. इसको लेकर तैयारी कर ली गई है. चूंकि अब दो वर्षीय कोर्स होगा हम उसके अनुसार तैयारी करने में लगे हैं. फैकल्टी भी बढ़ाये जायेंगे. हालांकि अभी रिसर्च स्कॉलर या गेस्ट फैकल्टी से ही हम काम चलायेंगे. क्योंकि रेगूलर शिक्षक तो सरकार को ही बहाल करना है. उन्होंने कहा कि इस बार जो बीएड या एमएड की पढ़ाई विभाग में होगी वह बिल्कुल ही नये तौर तरीकों से होगी. एमएड व बीएड में फीस को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं- लड़कियों की फीस माफी पर कुछ निर्णय नहीं ले पा रहा विवि संवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय से एमएड व बीएड करने में कितनी राशि खर्च होगी इसकी जानकारी स्वयं यूनिवर्सिटी के लोगों को ही नहीं है. बीएड के लिए जहां कॉलेज राजभवन के निर्देश पर आश्रित हैं. वहीं एमएड में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं. बीएड ने तो फॉर्म भी बेच दिये लेकिन अभी भी उहापोह की स्थिति है. राजभवन ने जो फीस तय की थी वह वोकेशनल कोर्स के आधार पर की थी जबकि पीयू में यह कोर्स सामान्य कोर्स की तरह चलते हैं. कुछ लोग इस बात का अंदेशा लगा रहे हैं कि राजभवन की आड़ में जानबूझ कर विवि फीस बढ़ाने के चक्कर में है. विवि छात्र संघ के उपाध्यक्ष अंशुमान कहते हैं कि विवि चाहती ही नहीं है कि छात्र सरकारी रेट पर पढ़े इसलिए जानबूझ कर इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है. वहीं एजुकेशन के डीन प्रो वासे जफर का कहना है कि ऐसा नहीं है और विवि इसके लिए राजभवन से मंत्रणा कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि एमएड में 98000 के बजाए वे तब तक पुराना ही फीस लेंगे जब तक कि राजभवन यह स्पष्ट नहीं करती है कि कितनी फीस लेनी है. लड़कियों की फीस माफी के संबंध में उन्होंने कहा कि लड़कियों से नामांकन के दौरान फीस ली जायेगी. जब तक विवि के द्वारा यह निर्णय लेकर पत्र विभाग में नहीं आता है तब तक एेसे ही चलेगा. जब विवि पत्र विभाग को भेज देगी तो फिर हम पैसे छात्राओं को लौटा देंगे.

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