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आयोग से महागंठबंधन ने की प्रधानमंत्री की शिकायत

आचार संहिता उल्लंघन का आरोप नयी दिल्ली : बिहार विधान सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने की शिकायत सोमवार को चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची. जदयू सांसद व पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार […]

आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
नयी दिल्ली : बिहार विधान सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने की शिकायत सोमवार को चुनाव आयोग के दरबार में पहुंची. जदयू सांसद व पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने का मामला उठाया. नेताओं ने मांग की कि ऐसे आरोप के लिए पीएम के ऊपर सख्त कार्रवाई की जाये. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का आरोप था कि इससे पहले भी महागंठबंधन ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
क्योंकि उन्हें पता है कि पीएम जिस तरह से बोल रहे हैं, उसमें आगे भी इसी तरह की बात बोलेंगे. लेकिन तब चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया था कि मन की बात कार्यक्र म में पीएम वैसा कुछ भी नहीं बोलेंगे जिससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हो. पीएम ने एक जनवरी 2016 से ग्रुप बी, सी और डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में साक्षात्कार को खत्म करने की बात कही है, जबकि इसके पहले उन्हें कैबिनेट की मंजूरी लेनी चाहिए थी.
इसी तरह से लंदन में बाबा साहेब आंबेडकर के घर को भारत को समिर्पत करने, धनतेरस से पहले सोने के अशोक चक्र जारी करने की घोषणा से पहले रजिर्व बैंक या वित्त मंत्रालय से किसी भी तरह का विचार-विमर्श नहीं किया है.
त्यागी ने कहा कि उन्हें आशंका है कि आरक्षण खत्म करने की साजिश की जा रही है. सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरक्षण का क्या होगा? वह मेरिट के विरोधी नहीं है, लेकिन संविधान में गरीबों को जो आरक्षण दिया गया है उसे वह खत्म करने के खिलाफ है.
कांग्रेस सांसद व वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि जिस तरह से पीएम घोषणा कर रहे हैं. चुनावी सभा में जिस तरह की बात कह रहे हैं, वह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा.
उनलोगों ने चुनाव आयोग से सारी बात कही है. चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में वह गंभीरता से विचार करेंगे. तुलसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के मुताबिक सीएम और पीएम को चुनाव के दौरान अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की भी मनाही होती है, लेकिन लगता है कि पीएम के लिए चुनाव के दौरान भी छूट मिली हुई है.
पूर्व चुनाव आयुक्त संपत कहा करते थे कि चुनाव आयोग यदि सख्ती से आचार संहिता का पालन नहीं करायेगा, तो आचार संहिता की अहमियत ही खत्म हो जायेगी. इसलिए जरूरी है कि आयोग इस पर गंभीरता से विचार कर इस पर कार्रवाई करे. वहीं कांग्रेस सचिव केसी मित्तल ने भी पीएम पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि यदि पीएम पर कार्रवाई नहीं होती है, तो लोग चुनाव आयोग पर सवाल भी उठा सकते हैं.
यह पूछे जाने पर कि चुनाव आयोग से क्या आश्वासन मिला है त्यागी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि चुनाव आयोग इस मामले पर कार्रवाई करेंगे. प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें सारी बातों का जिक्र किया गया है.

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