पीएम आचार संहिता का कर रहे हैं उल्लंघन : महागंठबंधनजदयू महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि सरकार सरकारी सेवाओं से साक्षात्कार खत्म कर आरक्षण को खत्म करना चाहती है. इस विषय में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जिन लोगों को आरक्षण मिला है, उनका क्या होगा? ब्यूरो, नयी दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने का आरोप महागंठबंधन के नेताओं ने लगाया. जदयू के महासचिव सह प्रवक्ता केसी त्यागी के आवास पर एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गयी , जिसमें कांग्रेस की ओर से आरपीएन सिंह और केटीएस तुलसी ने भाग लिया. केसी त्यागी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्र म में कई चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है. जिस तरह से वह वोटरों को प्रभावित करना चाहते हैं, उस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेकर कडी कार्रवाई करनी चाहिए. पीएम ने मन की बात कार्यक्र म में एक जनवरी 2016 से साक्षात्कार खत्म करने की बात कही है. इससे साफ होता है कि वह आरक्षण को खत्म करना चाहते हंै. उन्होंने पीएम से सवाल पूछा कि क्या साक्षात्कार खत्म कर जिन लोगों को आरक्षण मिला हुआ है, उसे सरकार आरक्षण का लाभ नहीं देगी? त्यागी के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जिस तरह से आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी, उसी बात को पीएम ने मन की बात कार्यक्र म में इंप्लीमेंट करने की घोषणा की है. इतना ही नहीं 12 नवंबर को लंदन में डॉ भीम राव अंबेडकर के घर को देश को समिर्पत करने तथा पांच से 10 ग्राम के अशोक चक्र जारी करने को भी त्यागी ने आलोचना की . त्यागी ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले से तकलीफ में हैं. क्योंकि इससे पहले भी महागंठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मन की बात कार्यक्र म को रोकवाने की दरखास्त किये थे, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने चुनाव आयुक्त के पद पर जाने वाले लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद किसी तरह के सरकारी पद न लेने के लिए कानून बनाने की लडाई संसद के सत्र में जारी रखने की भी बात कही. त्यागी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी द्वारा नीतीश कुमार को वोट किये जाने के ट्वीट पर पार्टी की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया. कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि पीएम लंदन में जाकर दलितों को लुभाने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबंडकर के घर को देश को समिर्पत करने का प्रचार कर रहे हैं, जबकि देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, उसे रोकने में विफल है. दलितों पर होने वाले अत्याचार पर पीएम बोलना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. पीएम ने महंगाई पर कुछ नहीं बोला जबकि दाल को लेकर देश में हाहाकार मचा है. गरीबों की थाली से दाल चला गया है, इस पर पीएम कोई सुध नहीं ले रहे हैं, जबकि उनके केंद्रीय मंत्री अपना काम छोडकर सिर्फ राज्य सरकार पर आरोप लगाने में जुटे हैं. सिंह ने कहा कि पीएम चुनाव के दौरान देश में दिखते हैं. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता के टी एस तुलसी ने भी पीएम द्वारा मन की बात कार्यक्र म में उनके द्वारा की गयी घोषणा को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया. तुलसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के मुताबिक सीएम और पीएम को चुनाव के दौरान अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की भी मनाही होती है. उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा लिये जा रहे फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव आयोग यदि सख्ती से आचार संहिता का पालन नहीं करायेगा, तो आचार संहिता की अहमियत ही खत्म हो जायेगी. गंठबंधन के नेताओं ने जल्द ही इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने कीक बात कही.
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पीएम आचार संहिता का कर रहे हैं उल्लंघन : महागंठबंधन
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