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ऐसे तो साफ हो गये गंगा के घाट

पटना : दशहरा खत्म होते ही गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार लग गया है. पूजा सामग्रियों से घाट पट गये हैं. घाटों पर लगी गंदगियों को साफ करना निगम प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा. छठ पूजा काउंट डाउन शुरू हो गया है, लेकिन निगम प्रशासन अब तक घाटों की सफाई का काम शुरू […]

पटना : दशहरा खत्म होते ही गंगा घाटों पर गंदगी का अंबार लग गया है. पूजा सामग्रियों से घाट पट गये हैं. घाटों पर लगी गंदगियों को साफ करना निगम प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा. छठ पूजा काउंट डाउन शुरू हो गया है, लेकिन निगम प्रशासन अब तक घाटों की सफाई का काम शुरू नहीं किया है. इसके साथ ही निगम कार्यालय करीब एक सप्ताह बंद भी रहेगा.
ऐसी स्थिति में लगभग 20 दिनों में
गंगा घाटों पर नागरिक सुविधा के रूप में
लाइटिंग व्यवस्था, चेंजिंग रूम, पहुंच पथ की सफाई, बैरिकेडिंग आदि कार्य करना निगम प्रशासन के लिए कितना मुश्किल भरा होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि, निगम प्रशासन का दावा है किसमय सीमा के भीतर गंगा घाटों को तैयार कर लिया जायेगा.
गंगा भी चली गयी है दूर
पिछले वर्ष समाहरणालय घाट से गंगा की मुख्य धारा की दूरी आधा किलोमीटर थी, लेकिन इस वर्ष और दूर चली गयी है. निगम प्रशासन की मानें तो समाहरणालय व महेंद्रू घाट से गंगा की मुख्यधारा एक किलोमीटर दूर चली गयी है, जहां छठ व्रतियों को पहुंचने के लिए प्रशासन द्वारा सड़क बनायी जा रही है. सड़क निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया है, ताकि ससमय सड़क का निर्माण हो जाये और छठव्रती गंगा की मुख्यधारा तक पहुंच सके. हालांकि, इसके अलावा घाटों पर कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है.
पीपा पुल पर नहीं चढ़ना पड़ेगा
समाहरणालय और महेंद्रू घाट पर पिछले दो वर्षों से दो-दो पीपा पुल बनाये जा रहे थे. इनमें एक पुल के माध्यम से छठव्रती मुख्यधारा तक पहुंचते थे और दूसरे से लौटते थे. इस वर्ष छठव्रतियों को पुल पर नहीं चढ़ना पड़ेगा. इसकी वजह है कि बुडको प्रशासन पीपा पुल के बदले सड़क का निर्माण करवा रहा है. अगर जरूरत पड़ी, तो नाले की धारा में ह्यूम पाइप रख दिया जायेगा और छठव्रती व श्रद्धालु दोनों आसानी से सड़क मार्ग से मुख्यधारा तक पहुंचेंगे.
घाटों पर खड़े होने तक की जगह नहीं
दशहरा के खत्म होते ही राजधानीवासी घर के पूजा अवशिष्ट गंगा में फेंकने पहुंच रहे हैं. दिन भर हजारों की संख्या में लोग समाहरणालय घाट से लेकर महावीर घाट तक पहुंच रहे हैं, जिनके हाथों में पूजा अवशिष्ट देखा जा सकता है. इतना ही नहीं, समाहरणालय घाट पर जिला प्रशासन के लोग ही गंदगी फैला रहे है. वहीं, महेंद्रू घाट, काली घाट, कृष्णा घाट, रानी घाट, गांधी घाट आदि पर जगह-जगह कचरों के ढेर हैं. इसके कारण घाटों पर खड़े होने तक की जगह नहीं है.
इधर शहर में भी बंद है कचरे का उठाव
पटना. शहर की सफाई को लेकर बनी योजना 10 दिनों में ही फ्लॉप होती दिख
रही है. पिछले चार दिनों से निगम कार्यालय बंद है और रविवार को भी बंद रहेगा. साथ ही वार्ड सफाई निरीक्षक भी छुट्टी मना रहे हैं. ऐसे में शहर से जैसे-तैसे कचरे का उठाव हो रहा है. इससे प्रत्येक कूड़ा प्वाइंट पर कचरा बिखरा पड़ा है और इससे बदबू भी फैल रही है.
जगह-जगह कचरा : बोरिंग केनाल रोड, बोरिंग रोड, एसके पुरी चिल्ड्रेन पार्क के समीप, बुद्धा मार्ग पर मौर्या लोक गेट के समीप, पुराना बाइपास रोड, नाला रोड, कदमकुआं, अशोक राजपाथ, गर्दनीबाग, खजांची रोड, नया टोला, मुसल्लहपुर हाट, बहादुरपुर आदि इलाकों में दो दिनों से कचरे का उठाव नहीं हो रहा है.

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