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धनरूआ के लाई की धमक विदेशों में भी
मसौढ़ी: 1984 में पंडितगंज के रहनेवाले सीताराम साव ने धनरूआ लाई की शुरुआत की थी. धनरूआ के इस प्रसिद्ध खोवे की लाई की धमक विदेशों में भी है. शुद्द खोवे की इस स्वादिष्ट लाई से ही आज धनरूआ की पहचान होती है. इस रास्ते से बोधगया जाने और उधर से लौटते समय विदेशी पर्यटक निशानी […]
मसौढ़ी: 1984 में पंडितगंज के रहनेवाले सीताराम साव ने धनरूआ लाई की शुरुआत की थी. धनरूआ के इस प्रसिद्ध खोवे की लाई की धमक विदेशों में भी है. शुद्द खोवे की इस स्वादिष्ट लाई से ही आज धनरूआ की पहचान होती है. इस रास्ते से बोधगया जाने और उधर से लौटते समय विदेशी पर्यटक निशानी के तौर पर इस लाई को अपने देश ले जाते हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस लाई के खासे मुरीद हैं, जब भी इस रास्ते से उन्हें गुजरना होता है अपना काफिला यहां रोक कर खुद लाई की दुकान में जाते हैं और लाई खरीदते हैं . धनरूआ में यों तो लाई की दर्जनों दुकाने हैं, पर विजय लाई भंडार की खुशबू काफी दूर तक फैली है ़ इसी दुकान के मालिक सीताराम साव ने लाई बनाने की विधि श्याम बिहारी साव से सीखी और फिर धीरे -धीरे यह लाई धनरूआ की पहचान बन गयी . धनरूआ में उस समय प्रखंड कार्यालय के पास कुछ मिठाई की दुकानें हुआ करती थीं , जिसकी बिक्री काफी कम थी़ ऐसे में यहीं के श्याम बिहारी साव और सीताराम साव ने गाय के शुद्द दूध से खोवा निकाल कर मिठाई की जगह लाई बनानी शुरू कर दी . लोगों को उनकी बनायी लाई पसंद आने लगी और देखते -देखते इस लाई की चर्चा चारों तरफ फैल गयी ़ शुरुआती दौर में इस लाई की कीमत 25 से 30 रुपये प्रति किलो थी, मगर अब इसकी कीमत 250 रुपये प्रति किलो हो गयी है़ दाम अधिक होने के बाद भी इस लाई के खरीदारों की संख्या में कोई कमी नहीं आयी है़
चीनी व जापानियों की है खास पसंद
लाई दुकानदार बताते हैं की चीन व जापान के लोग इस लाई को काफी पसंद करते हैं. बोधगया जाने के क्रम में विदेशी लोग उन्हें ऑर्डर दे देते हैं और वापस जाने वक्त यहां से भरपूर लाई ले जाते हैं.
लालू व रामविलास भी हैं इसके शौकीन
वैसे इस लाई के शौकीन तो लालू प्रसाद व रामविलास पासवान भी हैं. अब तो इस लाई की धमक शादी समारोह में भी देखी जा रही है़ बरातियों को नाश्ते के रूप में अन्य मिठाइयों के साथ धनरूआ का लाई भी अनिवार्य होता जा रहा है .
पीट-पीट कर वृद्ध की हत्या, चार गिरफ्तार
बिहटा. शनिवार की देर रात थाना क्षेत्र के भगवतीपुर गांव में भूमि विवाद को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गये और लाठी- डंडा से पीट-पीट कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी. साथ ही मारपीट की घटना में महिला समेत करीब आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गये. पुिलस ने शव को कब्जे में लेकर सभी जख्मी को उठा कर इलाज के लिए रेफरल अस्पताल में भरती कराया. जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद चार लोगों को बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया है. इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के चार लोगों को गिरफ्तार किया है. मृतक की पहचान भगवतीपुर निवासी कामेश्वर वर्मा (60) व गिरफ्तार लोगों की पहचान देवानंद वर्मा ,जगदीश वर्मा, सुशील वर्मा और जीव नारायण वर्मा के रूप में की जा रही है. जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के भगवतीपुर गांव में शनिवार की रात जमीन विवाद में कामेश्वर वर्मा और जगदीश वर्मा में विवाद होने लगा, जिसके बाद दोनों पक्ष के करीब एक दर्जन लोग घटना स्थल पर पहुंच मारपीट करने लगे.
गाली-गलौज करने लगे और देखते-देखते दोनों पक्षों से लाठी -डंडा चलने लगा, जिसमें कामेश्वर वर्मा, उनकी पत्नी व पोती जूही कुमारी सहित देवानंद वर्मा, दीपक वर्मा आदि जख्मी हो गये. पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भरती कराया, लेकिन इलाज के क्रम में कामेश्वर वर्मा की मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों मे कोहराम मच गया.
इस संबंध में थानाप्रभारी राजबिंदु प्रसाद ने बताया की भगवतीपुर गांव में बीती रात्रि को दो पक्षों हुई मारपीट में एक की मौत हो गयी है. दोनों पक्षों से आधा दर्जन लोग जख्मी हो गये हैं. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
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