पटना सिटी: पुलिस जमानतदारों की सूची तैयार कर रही है क्योंकि दो दर्जन से अधिक वैसे अपराधियों का पता चला है जो हाल में जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से गिरोह को संगठित कर अपराध जगत में सक्रिय हो गये हैं. थाना स्तर पर यह कार्रवाई शुरू हुई है.
हत्या सहित अन्य आपराधिक मामलों में पकड़े गये सोनू पासवान के मालसलामी थाना परिसर से फरार होने की घटना के बाद पुलिस की नींद खुली है. वह महज नौ दिन पूर्व ही जमानत पर रिहा हुआ था. थानाध्यक्ष भगवान गुप्ता का कहना है कि सोनू को क्षेत्र में घटित एक घटना के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन वह चकमा देकर फरार हो गया. सुल्तानगंज, आलमगंज व खाजेकलां सहित अन्य थानों में चोरी व अन्य वारदातों की छानबीन में वैसे अपराधियों के नाम सामने आ रहे हैं,जो कि हाल में में जमानत पर रिहा हुए हैं.
कई जमानतदारों के नाम व पते फर्जी
पुलिस ने कई जमानतदारों के नाम व पते छानबीन में फर्जी पाये हैं. पुलिस का मानना है कि अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए जरूरी है कि जमानतदारों की पहचान . स्थिति यह है कि कई कांडों के अपराधी को पुलिस मशक्कत के बाद जेल भेजती है, लेकिन अपराधी सहज रूप से जमानत पर रिहा होने में सफल हो जाता है. इसके बाद फिर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगता है.
सेक्टर स्तर पर समीक्षा का निर्देश
वरीय अधिकारियों ने थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि सेक्टर स्तर पर पर कांडों की समीक्षा हर माह की जाये. अपराध नियंत्रण में कमजोर पाये जानेवाले सेक्टर प्रभारियों को तत्काल बदल दिया जाये. एएसपी ने साफ तौर पर कह रहा है कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध धंधे की खबर मिलने पर सेक्टर प्रभारियों पर कार्रवाई होगी. पूर्व में एएसपी ने बाइपास थानाध्यक्ष मनीष कुमार को निलंबित किया है, जबकि खाजेकलां थाना के सेक्टर प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की है.