पटना: तीसरे चरण में पटना जिले के 14 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले चुनाव को लेकर गुरुवार से नामांकन की शुरुआत हो जायेगी. सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय में इंतजाम किये जा रहे हैं. नेताओं की चुनाव लड़ने की लगातार बढ़ रही चाहत उनके लिए परेशानी पैदा कर सकती है. 14 में से अगर पांच विधानसभा क्षेत्रों में भी 16 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया, तो इवीएम (बैलेट यूनिट) की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
वोटिंग के लिए इवीएम की दो मशीन का इस्तेमाल होता है. इसमें एक कंट्रोल यूनिट जबकि दूसरी बैलेट यूनिट होती है. कंट्रोल यूनिट पीठासीन पदाधिकारी के पास होता है, जबकि बैलेट यूनिट पर मतदाता वोट करते हैं. जिला प्रशासन को 4203 मतदान केंद्र व 144 सहायक मतदान केंद्र सहित कुल 4347 मतदान केंद्रों के लिए रिजर्व सहित 5217 कंट्रोल यूनिट की आवश्यकता होगी. प्रशासन के मुताबिक उनके पास फिलहाल 5363 कंट्रोल व 7526 बैलेट यूनिट उपलब्ध है.एक इवीएम में अधिकतम 16 उम्मीदवारों का नाम ही रखा जा सकता है.
16 से अधिक उम्मीदवार होने की स्थिति में हर बूथ पर दो बैलेट यूनिट की आवश्यकता होगी. पांच से छह िवस क्षेत्रों में भी 16 से अधिक उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया, तो बैलेट यूनिट में कमी का सामना करना पड़ सकता है. हर विस क्षेत्र के लिए रिजर्व तौर पर भी इवीएम रखे जाते हैं. सबसे अधिक उम्मीदवारों का नामांकन शहरी क्षेत्र में ही होता है. दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार व पटना साहिब विस क्षेत्रों में सबसे अधिक उम्मीदवार नामांकन दाखिल करते हैं. स्क्रूटनी में उनमें से कई निर्दलीय का नाम छंट जाता है.
तीन विस क्षेत्र में वीवीपैट का प्रयोग: जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में वीपीपैट मशीन का प्रयोग किया जा सकता है. वीवीपैट मशीन के माध्यम से वोट देने के बाद परची निकलती है. पिछली बार इसका प्रयोग पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में हुआ था. इस बार दीघा, बांकीपुर व कुम्हरार विधानसभा में इसका प्रयोग किये जाने की संभावना है. इन तीन विधानसभा के लिए प्रशासन को सुरक्षित सहित 1349 वीवीपैट मशीन की आवश्यकता होगी, जबिक 1492 मशीन उपलब्ब्ध हैं.