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देश-विदेश से आयेंगे हजारों पिंडदानी
पुनपुन घाट सज-धज कर तैयार,अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला कल से सुरक्षा के लिए लगाये गये हैं सीसीटीवी कैमरे मसौढ़ी : पुनपुन घाट पर लगनेवाले अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेले का रविवार को जिला अधिकारी प्रतिमा एस वर्मा उद्घाटन करेंगी़ इसको लेकर वहां की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है पुनपुन घाट पर पिंडदानियों के लिए भव्य पंडाल […]
पुनपुन घाट सज-धज कर तैयार,अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला कल से
सुरक्षा के लिए लगाये गये हैं सीसीटीवी कैमरे
मसौढ़ी : पुनपुन घाट पर लगनेवाले अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेले का रविवार को जिला अधिकारी प्रतिमा एस वर्मा उद्घाटन करेंगी़ इसको लेकर वहां की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है
पुनपुन घाट पर पिंडदानियों के लिए भव्य पंडाल का निर्माण कराया गया है़ वहीं, पुनपुन घाट से एनएच 83 तक मार्ग की साफ – सफाई भी की जा रही है़ मेले परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रख कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. बता दें कि पुनपुन घाट पर देश– विदेश से हजारों पिंडदानी अपने पूर्वजों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए पहला पिंडदान करने आते हैं.
इसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा काफी पहले से तैयारियां की जाती हैं. इस बार का इस मेले में यहां आनेवाले लोगों के लिए नवनिर्मित शहीद रामानंद सिंह -रामगोविंद पार्क आकर्षण का केंद्र रहेगा. प्रशासन ने उक्त पार्क को खोल दिया है़ श्रद्धालु वहां मामूली शुल्क देकर इस पार्क में घूमने का आनंद भी ले सकते हैं .
इधर, मेला शुरू होने से लेकर समाप्त होने तक रेलवे ने पिंडदानियों के लिए पुनपुन घाट पर सभी मेल व सवारी गाड़ियों के ठहराव की घोषणा भी कर रखी है. पटना –गया रेल खंड पर चनलेवाली सभी ट्रेनें अब हर रोज पुनपुन घाट पर दो मिनट के लिए रुकेंगी इसके साथ ही रेलवे की ओर से पुनपुन घाट पर साफ- सफाई के साथ पिंडदानियों के लिए पेयजल की व्यवस्था भी की गयी है
चाक-चौबंद रहेगी सुरक्षा
मेले की तैयारी के संबंध में मसौढ़ी के एसडीओ चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि मेले का उद्घाटन जिला अधिकारी करेंगी़
मेले में सीसीटीवी कैमरा हर जगह लगाया गया है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है यहां आनेवाले पिंडदानियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. स्थानीय प्रशासन इस बात को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है.
पुनपुन में पिंडदान करने का है खास महत्व
प्रत्येक वर्ष भाद्र पक्ष की पूर्णिमा से अश्विन मास की अमवस्या तक लगनेवाले 15 दिनों के इस मेले में देश ही नहीं विदेश के हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं सनातन धर्मवालों के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण माना गया है यह मेलापुनपुन में युगों से पिंडदान श्राद्ध और तर्पण का कार्य होते चला आ रहा है़ इस वजह से हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह भूमि पूजनीय मानी गयी है़ यही कारण है की हर वर्ष हजारों तीर्थयात्री अपने पितरों और पूर्वजों के लिए पिंडदान करते हैं. इसी वजह से पुनपुन पिंडदानियों के लिए महत्वपूर्ण प्रथम द्वार माना जाता है़ पुनपुन के संबंध में कहा गया है कि आदिगंगा पुनपुन पिंडदानियों के लिए बड़ा ही महातम का स्थल है .
आदिगंगा (गंगा की बहन ) सुरसरी गंगा से भी ज्यादा महत्वपूर्ण पुनपुन को माना गया है पंडा सुदामा पांडये कहते हैं कि आध्यात्म के अनुसार पुनपुन नदी में पहला पिंडदान भगवान रामचंद्र ने किया, तब से यह परंपरा चली आ रही है
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