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तीन साल से बंद पीयू का जेंडर सेल
पटना : पटना विश्वविद्यालय व कॉलेज कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खासकर पटना वीमेंस कॉलेज की घटना के बाद से विवि में जेंडर सेल की मांग फिर से उठने लगी है. छात्र संगठनों ने एक मजबूत और सशक्त जेंडर सेल की मांग फिर से उठायी है. वर्तमान में […]
पटना : पटना विश्वविद्यालय व कॉलेज कैंपस में छात्राओं के साथ छेड़खानी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खासकर पटना वीमेंस कॉलेज की घटना के बाद से विवि में जेंडर सेल की मांग फिर से उठने लगी है. छात्र संगठनों ने एक मजबूत और सशक्त जेंडर सेल की मांग फिर से उठायी है. वर्तमान में पीयू का जेंडर सेल बिल्कुल निष्क्रिय है. सेल की अध्यक्ष प्रो भारती एस कुमार रिटायर भी हो चुकी हैं, पर उसके बाद से सेल का दोबारा गठन भी नहीं किया गया है.
पीयू प्रशासन भी सेल को लेकर बिल्कुल असंवेदनशील है और उसे सुविधाओं के नाम कुछ नहीं दिया जा रहा है. सेल के पास एक दफ्तर तक नहीं है.
तीन साल पहले हुई थी स्थापना : पटना विवि में करीब तीन साल पहले पूर्व कुलपति प्रो शंभूनाथ सिंह द्वारा जेंडर सेल की स्थापना की गयी थी. उस समय कहा गया था कि सेल को हर सुविधा दी जायेगी और एक दफ्तर भी बनाकर दिया जायेगा. इसके अलावा सेल के लिए एक लाख रुपये के बजट भी बनाया गया था, लेकिन उसमें से सेल को एक पैसा भी नहीं. सेल के गठन के बाद वहां कुछ एक मामलों पर सेल द्वारा संज्ञान भी लिया गया, जिसका अच्छा असर पड़ता दिखाई दिया. फंड की कमी और बेहतर को-ऑडिनेशन नहीं होने से सेल पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया.
अध्यक्ष के रिटायर होने के बाद सेल ठप : सेल की अध्यक्ष के रिटायर होने के बाद किसी अन्य को अध्यक्ष नहीं बनाया गया. पिछले छह-सात महीने से सेल द्वारा ना किसी मामले में संज्ञान लिया गया और ना ही बैठकें ही हुईं. जेंडर सेल की सदस्या प्रो सुहेली मेहता ने बताया कि सेल का गठन फिर से होना चाहिए और थोड़ा पाॅवर भी देना चाहिए.
इस संबंध में सेल की पूर्व अध्यक्ष प्रो भारती एस कुमार ने कहा कि जब सेल का गठन हुआ था, तब भी हमलोगों ने अपने खर्चे से ही कई मामलों पर संज्ञान लिया था. डीजीपी से लेकर एसएसपी तक को हमने पत्र लिखकर कैंपस में होने वाली छेड़छाड़ की घटना की जानकारी दी थी और कार्रवाई करने को कहा था. कई मामलों में लड़कों को बुलाकर ना सिर्फ पूछताछ की गई, बल्कि उन्हें वार्निंग भी दिया था.
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