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कृषि महाविद्यालय में आरक्षित होगी सीट

मुख्यमंत्री ने की घोषणा : कृषि से इंटर करनेवालों को िमलेगा लाभ पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में इंटर की पढाई में कृषि विषय लेने वालों के लिए कृषि स्नातक की पढाई में सीटें आरक्षित की जायेगी. उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंटर स्तर पर कृषि […]

मुख्यमंत्री ने की घोषणा : कृषि से इंटर करनेवालों को िमलेगा लाभ
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में इंटर की पढाई में कृषि विषय लेने वालों के लिए कृषि स्नातक की पढाई में सीटें आरक्षित की जायेगी. उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंटर स्तर पर कृषि की पढ़ाई शुरू की गयी है. इसमें कृषि, उद्यान, डेयरी आदि की पढ़ाई होगी.
शनिवार को मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के प्रशासनिक सह शैक्षणिक भवन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने उक्त बातें कही. मुख्यमंत्री ने वीसी के द्वारा उद्घाटन किया. उद‌्घाटन के अवसर पर कृषि मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित अन्य गणमान्य लोग अगवानपुर, सहरसा में कृषि महाविद्यालय के प्रागंण में थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि शिक्षा के बढ़ावा के लिए सभी स्नातक व स्नातकोत्तर छात्रों को प्रत्येक माह 2500 रुपये छात्रवृति व सालाना 6000 रुपये किताब सहित अन्य पाठ्यसामग्री के लिए दी जाती है.
उन्होंने कहा कि कृषि महाविद्यालय में ना केवल पढ़ाई होगी, बल्कि किसानों से संबंधित समस्याओं को देखने का होगा. सूक्ष्म स्तर पर अध्ययन होगा कि कोसी इलाके में किस फसल की संभावना अधिक है. ऐसे धान की उत्पादन की अधिक संभावना है तो उसके तौर-तरीके पर अध्ययन होगा. जिस तरह से मौसम बदल रहा है. बदलते इस मौसम में कौन फसल करना चाहिए.
इसका अध्ययन कर किसानों को जानकारी दी जा सकती है. ताकि उसके अनुरूप किसान खेती कर सके. कॉलेज के माध्यम से गांव में चौपाल कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें किसानों को कृषि से संबंधित जानकारी दी जाती है. यह महाविद्यालय कोसी अंचल के कृषि संबंधी समस्याओं का निदान करने में सफल होगा. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा कृषि रोड मैप में कृषि शिक्षा,शोध, उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन, सिंचाई, भूमि के रिकॉर्ड को अद्यतन करने सहित अन्य चीजों पर जोर दिया गया. कृषि विकास के लिए वर्ष 2006 से प्रयास शुरू हुआ.
इसमें एक विश्व विद्यालय सहित पांच महाविद्यालय स्थापित की गयी. इसमें सबौर में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अलावा नूरसराय, सहरसा, डुमरांव, पूर्णिया व किशनगंज में कृषि महाविद्यालय खोला गया है. सभी महाविद्यालय काव भवन बन कर तैयार है. किशनगंज कृषि महाविद्यालय का नामकरण पूर्व राष्ट्रपति स्व. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है. राजस्व व भूमि सुधार मंत्री नरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि बिहार ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में विश्व रिकॉर्ड कायम किया.
कोसी इलाके में आयी त्रासदी के बाद खेतों में जमा बालू,जल जमाव निकास की व्यवस्था आदि पर रिसर्च होगा. मुख्यमंत्री ने कोसी इलाके के लोगों को सौगात देने का काम किया है. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि कोसी के इतिहास के लिए यह प्रेरणा श्रोत है. नयी व युवा पीढ़ी के लिए यह शुभ दिन है. कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश ने स्वागत भाषण किया. उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप बनने से बिहार कृषि उत्पादन में ऊंचाइयों को छूने का काम किया है.
धन्यवाद ज्ञापन कृषि निदेशक बी. कार्तिकेय ने किया. मौके पर विकास आयुक्त एस.के.नेगी,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डी.एस.गंगवार, सचिव चंचल कुमार व अतिशचंद्रा, उद्यान निदेशक अरविन्दर सिंह सहित कृषि विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
कृषि कॉलेज से कोसी इलाके का विकास : विजय
पटना. राज्य के कृषि, जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कृषि कालेज के बनने से कोसी इलाके में चौतरफा विकास का रास्ता खुलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में मंडन मिश्र कृषि कालेज का उदघाटन किया. इस समय कृषि मंत्री सहरसा में मौजूद थे. उन्होंने उद्घाटन स्थल पर शिलापट् का अनावरण किया.
मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के तरफ से कोसी क्षेत्र को विशेष तोहफा दिया गया है. कोसी में कृषि की असीम संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि रोड मैप लागू किया गया. इससे किसानों को इसके तहत कृषि से जुड़े शिक्षण संस्थाओं की स्थापना हुई. कोसी के इलाके में मंडन भारती कृषि, महाविद्यालय, सहरसा भोला पासवान शास्त्री कृषि विद्यालय पूर्णियां और डा कलाम कृषि महाविद्यालय किशनगंज में स्थापित किया है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न फसलों पर काफी शोध चल रहा है. विशेष रूप से नगदी फसलें अनानस केला, इन फसलों पर भी काफी जोड़ दिया गया है. सकारात्मक पहल सामने आने लगे है. इन चीजों की खेती में बढ़ोतरी हुई है. अब नई तकनीक से गेहूं काटते हैं और धान लगा देते है.
उन्होंने कहा कि संस्थानों से तकनीकों का प्रदेश के किसान लाभ लेंगे. रोड मैप का सीधा प्रभाव पड़ रहा है. पहले 85 लाख मेट्रिक टन खाद्यान का उत्पादन होता था. अब 160 मैट्रिक टन खाद्यान उत्पादन हो रहा है.
हम अनाज के मामले में आत्मनिर्भर हैं, यह सबसे बड़ी उपलब्धि है . सरकार ने फल सब्जी एवं अन्य चीजों में प्रोत्साहन राशि देने की नीति बनाई है. जिससे साकारात्मक नतीजे आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने कृषि के छह संस्थान बनायें है. सबौर मे कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की.
मंत्री ने कहा कि उद्यान क्षेत्र में बागवानी उन सबों पर सम्यक शोध एवं विकास की प्रगति के लिए नूर सराय नालंदा में स्थापित किया गया. उद्यान की पढ़ाई इसमें होती है. केन्द्र सरकार हमें यथोचित सहयोग नहीं दे रही है. प्रधानमंत्रीजी ने कहा इस चुनाव के बाद कृषि पर ध्यान दिया जायेगा, यह हास्यापद लगा.
हमलोगों के हिसाब से केन्द्र सरकार के कथनीय और करनी में काफी फर्क है. उन्होंने कहा कि हम मीडिया के माध्यम से लोगों को बताना चाहते है कि किसानों की योजना में कटौती से किसान का कल्याण कैसे होगा. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय फुट सेक्युरिटी मिशन, मिशन ऑफ एण्टीग्रेटेड आरटीकल्चर मिशन आदि केन्द्रांश की मदद से चलती थी. वर्तमान भाजपा सरकार के सतासीन होते हीं केन्द्रांश में सीधे कटौती कर दी गयी. पहले केंद्रांश में केंद्र सरकार 90 प्रतिशत राशि देती थी.
10 प्रतिशत राज्य सरकार को वहन करना होता था. अब इन मदों में 50 प्रतिशत से भी राशि कम कर दी गयी है. इससे किसानों का भलाकैसे होगा.
जहां तक पैकेज की बात है पथ बिजली के मामलें में 1़ 25 करोड़ के मामले में 3094 तीन हजार चौरानबे करोड़ कृषि के लिए है. यह पैकेज कितने दिन का है यह कबतक मिलेगा, इसकी जानकारी नहीं है. जबकि हकीकत यह है कि कृषि यांत्रिकरण में छह सौ करोड़ की चर्चा है. 2015-16 के लिए 6.92 करोड़ पुरे देश का है.
मंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार मायाजाल फैलाकर जनता को दिगभ्रमित कर रही है. संकर मक्का धान में शंकर प्रभेद को बढ़ाबा देने के लिए पहले 200 रू 0 प्रतिकिलो का अनुदान था .लेकिन केंद्र की सरकार ने उसे 50 रुपया कर दिया.
राज्य सरकार ने किसानों की हालात को देखते हुए अपनी ओर से 50रू देकर अनुदान 100 रू किया. लेकिन फिर भी किसानों को 100रू का नुकसान हो रहा है . केंद्र सरकार ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. आने वाले चुनाव में केंद्र सरकार को करारा जबाब देंगे. बिहार सरकार ने रिपोर्ट कार्ड से अपना हिसाब-किताब हर साल
का दिया है. एक साल बीत गये, केंद्र सरकार द्वारा हिसाब नहीं दिया गया है. उद्घाटन
स्थल पर कुलपति डा अरूण कुमार, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, आयुक्त कोशी प्रमंडल, सुश्री टीएन विंधेश्वरी, विधायक अब्दुल गफूर, डॉ अरूण कुमार और रत्नेश सदा मौजूद थे.

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