लालू प्रसाद का साथ समय की मांग : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजद और लालू प्रसाद का साथ मजबूरी नहीं, समय की मांग है. शुक्रवार को यहां एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि भाजपा या एनडीए में कोई जुड़े, तो कहा जाता है कि एनडीए बढ़ रहा है, लेकिन हम किसी के साथ हो रहे हैं, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 5, 2015 2:33 AM

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजद और लालू प्रसाद का साथ मजबूरी नहीं, समय की मांग है. शुक्रवार को यहां एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि भाजपा या एनडीए में कोई जुड़े, तो कहा जाता है कि एनडीए बढ़ रहा है, लेकिन हम किसी के साथ हो रहे हैं, तो यह गलत है. यह कहां का इंसाफ है.

जब तक उनके साथ थे, तो सब ठीक था, लेकिन जब उनका विचार नहीं माने और अलग हो गये, तो सब गलत हो गया. लालू प्रसाद के साथ राजनीतिक तौर पर एलायंमेंट है. यह आज देश में हो रहा है. भाजपा को केंद्र में बहुमत है, फिर भी वह गंठबंधन की हुई है. नीतीश कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद व हम वैचारिक पृष्टभूमि से एक ही हैं. हम दोनों उसी जेपी-लोहिया के प्रोडक्ट हैं. 20 साल तक अलग-अलग चले, लेकिन आज परिस्थिति है कि हमलोग कम-से-कम सीटों पर लड़ें, लेकिन मजबूती से लड़ें.

कहां है जंगलराज

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि जंगलराज था. जो कहते थे, उनसे पूछिए. लालू प्रसाद और उनकी पार्टी से गंठबंधन किया, तो क्या कानून राज से समझौता हुआ क्या? लोगों को शाम में क्या डर लग रहा है? महिलाओं ने घर से निकलना बंद कर दिया है क्या? एक पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है.

उसमें कोई दम नहीं है. लोगों को जंगलराज के नाम पर डराना चाहते हैं. मैं लोगों को आश्वासत करना चाहता हूं कि जब तक लोगों ने मौका दिया है और देंगे, बिहार में शांति, सुरक्षा और सद्भाव कायम रहेगा और कानून के राज में कोई दिक्कत नहीं होगी. बिहार में कानून अपना काम करता है. न किसी को बचाया जाता है और न ही किसी को फंसाया जाता है.

अकेले हमारी सरकार नहीं, राजद-कांग्रेस का भी है समर्थन

सीएम ने कहा कि बिहार में अकेले हमलोगों की सरकार नहीं है. राजद और कांग्रेस का भी उसे समर्थन प्राप्त है. राज्यसभा चुनाव के समय भाजपा के लोगों ने हमारे लोगों को तोड़-फोड़ कर ले गये. वैसी स्थिति में कांग्रेस के साथ-साथ राजद ने हमारी सरकार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन आवश्यक था. बिहार में महागंठबंधन के लिए मुख्यमंत्री का उम्मीदवार मुझे बनाया गया है.

महागंठबंधन या सरकार चलाने में किसी प्रकार का हमारे बीच मतभेद नहीं है. बहुमत मिलने पर फिर से दायित्व निभायेंगे. ऐसा नहीं कि जो नेता लीड नहीं कर रहे हैं, वे सब घर में बैठ जाते हैं. महागंठबंधन के बड़े नेता का सम्मान हमेशा रहेगा.

Next Article

Exit mobile version