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लिफ्ट प्रकरण में शाह को अपमानित करने पर तुले नीतीश : सुशील मोदी
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता ओर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के अतिथियों का लगातार अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक डीएनए बिहार की सत्कार परंपरा से अलग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता ओर पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के अतिथियों का लगातार अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक डीएनए बिहार की सत्कार परंपरा से अलग है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य विपक्षी नेताओं को अपमानित करने पर तुले हैं.
मोदी ने कहा कि 21 अगस्त की रात राजकीय अतिथिशाला में श्री शाह और भाजपा नेताओं के लिफ्ट में फंसने कीघटना पर खेद प्रकट करने के बजाय कैबिनेट सचिव शिशिर सिन्हा ने मुख्यमंत्री के इशारे पर मजाकिया और अपमानजनक टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि बिना किसी प्रारंभिक जांच के सिन्हा ने कहा कि क्षमता से अधिक लोगों के कारण लिफ्ट फंसी थी.
इसके बाद लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने भी भाजपा नेताओं के विरुद्ध अमर्यादित बयान दिये. उन्होंने कहा कि अगर लिफ्ट में क्षमता से अधिक लोग होते, तो उसका स्वचालित दरवाजा बंद ही नहीं होता और अलार्म बजता. वहां कोई लिफ्टमैन भी तैनात नहीं था.
सुरक्षा संबंधी इन लापरवाहियों की जांच कर मुख्य सचिव और डीजीपी 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट दे सकते थे. लेकिन, मुख्यमंत्री ने जांच आयोग अधिनियम 1952 के अनुसार जांच आयोग का गठन करा दिया. बगहा और फारबिसगंज में पुलिस फायरिंग की जांच के लिए गठित आयोगों की रिपोर्ट आज तक नहीं आयी. लिफ्ट प्रकरण जांच आयोग के अध्यक्ष वही शिशिर सिन्हा बनाये गये हैं, जिनका पूर्वाग्रह जाहिर हो चुका है.
नीतीश कुमार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए नौकरशाहों को हथियार बना रहे हैं. अधिकारियों को इससे बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों को जांच आयोग का सदस्य बनाया गया है, उन्हें भी इस दायित्व से इनकार कर देना चाहिए. आयोग गठित करना मुख्यमंत्री की नीयत पर सवाल उठाता है.
2010 में भाजपा नेताओं को दिया गया भोज रद्द करना, जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटवाना और अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेता पर अपमानजनक टिप्पणी करना नीतीश कुमार के अहंकारी राजनीतिक डीएनए का प्रमाण है.
बिहार की जनता ने अतिथि सत्कार की परंपरा के अपमान, मुख्यमंत्री के अहंकार और जंगलराज के लिए जिम्मेदार लोगों को विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने का संकल्प कर लिया है. परिवर्तन रथ की आहट सुनकर घबराये नीतीश कुमार अनाप-शनाप बोल रहे हैं.
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