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अपमान की परिभाषा गढ़ रहे सुशील मोदी : संजय
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी अपमान की परिभाषा गढ़ रहे हैं. उससे ये लगता है कि उनकी मानसिकता कुंठित हो गयी है. सुशील मोदी अपनों के लिए अलग और दूसरों के लिए अलग नजरिया रखते हैं. वे अतिथियों के अपमान की बात […]
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी अपमान की परिभाषा गढ़ रहे हैं. उससे ये लगता है कि उनकी मानसिकता कुंठित हो गयी है. सुशील मोदी अपनों के लिए अलग और दूसरों के लिए अलग नजरिया रखते हैं.
वे अतिथियों के अपमान की बात करते हैं, तो बताएं कि क्या अतिथियों का ये व्यवहार होता है कि उन्हें गाली दे, उनका मजाक उड़ाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से पूरे बिहार को गाली दी है और उसके बाद भी उन्हें इसका कोई अफसोस नहीं जताया है तो क्या अतिथियों का ये संस्कार होता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए मुख्यमंत्री के बारे में अपशब्द कहे.
क्या यह अधिकार प्रधानमंत्री को संविधान से मिला है? क्या कोई अतिथि घर में आकर गाली-गलौज करता है? सुशील मोदी बिहार के डीएनए में बर्दाश्त करने की क्षमता होती है, लेकिन इस अपमान का बदला बिहार लेने के लिए बिल्कुल ही तैयार है और इसका जबाब गांधी मैदान की रैली में आम जनता ने पहुंच कर दे दिया है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अमित शाह लिफ्ट में फंसे और उसकी जांच के लिए बिहार सरकार ने तुरंत कमेटी बनायी. अब जब कमेटी अपनी जांच हर बिंदू पर करने लगी है तो सुशील मोदी को आपत्ति होने लगी है. सुशील मोदी और भाजपा वालों कि ये मानसिकता ही बताती है ना कि एक टेक्निकल चीज के खराबी की. हर पहलू से जांच की जा रही है तो उन्हें अपमान लग रहा है.
संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी लगातार बिहार सरकार के अधिकारियों को धमकी दे रहे हैं. जो अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं और राज्य के हित में काम कर रहे हैं उन अधिकारियों को सुशील मोदी लगातार धमका रहे हैं. सुशील मोदी की मानसिकता है कि अधिकारियों को धमकी देकर कोई भी फैसला अपने पक्ष में कराए.
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