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कल बैंक व एटीएम बंद बीमा भी नहीं होगा
पटना : राष्ट्रीय ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर दो सितंबर को बुलायी गयी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने भी समर्थन दिया है. यूएफबीयू के नौ संगठनों में सात संगठन हड़ताल में शामिल होंगे. हड़ताल के कारण देश की 125863 बैंक शाखाओं में बुधवार को पूर्णत: तालाबंदी रहेगी. बिहार की 6403 […]
पटना : राष्ट्रीय ट्रेड यूनियंस के आह्वान पर दो सितंबर को बुलायी गयी राष्ट्रव्यापी हड़ताल को यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने भी समर्थन दिया है. यूएफबीयू के नौ संगठनों में सात संगठन हड़ताल में शामिल होंगे. हड़ताल के कारण देश की 125863 बैंक शाखाओं में बुधवार को पूर्णत: तालाबंदी
रहेगी. बिहार की 6403 बैंक शाखाओं में भी काम नहीं होगा और 5927 एटीएम ठप रहेंगे. हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों का संगठन एनसीबीइ और एआइबीओसी शामिल नहीं है. हालांकि हड़ताल को नैतिक समर्थन रहेगा.
हड़ताल से बिहार में सात करोड़ ग्राहकों का लेन-देन प्रभावित होगा. बिहार से 60 हजार बैंककर्मी इस हड़ताल में शामिल रहेंगे. बैंक यूनियनों ने दावा किया कि तमाम बैंक कर्मियों की हड़ताल पर रहने से एटीएम भी ठप रहेगी. बैंक यूनियनों के साथ ही लाइफ इंश्योरेंस ऑफ इंडिया (एलआइसी) और जनरल इंश्योरेंस ऑफ इंडिया (जीआइसी) के भी हड़ताल में शामिल रहने से इन कार्यालयों में भी तालाबंदी रहेगी.
क्या है मामला
संजय तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार मजदूरों व कर्मचारियों के खिलाफ हायर एंड फायर की नीति लागू कर रही है.बैंकों में बैंकिंग रिफॉर्म के नाम पर नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं. एक तरफ बैंकों का निजीकरण और मर्जर की बात की जाती है तो दूसरी ओर बड़े-बड़े प्राइवेट कंपनी को बैंक खोलने का लाइसेंस दिया जा रहा है. सरकार की नीति पब्लिक सेक्टर बैंकों को कमजोर कर प्राइवेट बैंकों को बढ़ावा देना है, जो देशहित व आम जनता के हित में नहीं है.
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