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केंद्र सरकार ने लौटाया 2924 किमी सड़क निर्माण का प्रस्ताव : श्रवण
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार में 2565 करोड़ की लागत से बनने वाली 2924 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का प्रस्ताव लौटा दिया है. राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी. उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैकेज को धोखा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार से […]
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार में 2565 करोड़ की लागत से बनने वाली 2924 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का प्रस्ताव लौटा दिया है. राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी.
उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैकेज को धोखा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक इस संबंघ में कोई राशि नहीं आयी और पत्र भी नहीं आया. उन्होंने कहा कि पैकेज तो अखबार व टेलीविजन चैनलों के विज्ञापनों में दिख रहा है. केंद्र सरकार पर राज्य का 11 हजार करोड़ रुपया पहले से बकाया है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 20 हजार किमी पथों का निर्माण किया राज्य सरकार ने तैयार कराया है, इसकी राशि केंद्र सरकार ने अभी तक नहीं दी है.
पीएमजीएसवाइ के तहत फस्ट फेज में बिहार को 56 हजार किलोमीटर सड़कों का आवंटन किया गया था, इसमें 50 हजार किलोमीटर की स्वीकृति मिली है. राज्य सरकार ने दिसंबर, 14 से मार्च, 15 तक 2924 किमी लंबाई की पथ परियोजनाओं व 175 पुल परियोजनाओं का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. इसकी लागत 2565 करोड़ है. केंद्र ने नये प्रस्तावों की स्वीकृति देने की जगह यह कहते हुए लौटा दिया कि वर्तमान में बार्षिक आवंटन के आधार पर नये पथ की स्वीकृति संभव नहीं है. अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध होने पर नये पथों की स्वीकृति दी जायेगी. जनवरी के बाद राज्य को एक भी नयी परियोजना की स्वीकृति नहीं दी गयी है.
केंद्र सरकार द्वारा पीएमजीएसवाइ फेज-2 के तहत पथों का उन्नयन आरंभ कर दिया गया है. यह सुविधा उन्हीं राज्यों को मिल रहा है जहां पर फेज-1 की सभी स्वीकृति प्राप्त कर ली है.
पटना : केंद्र सरकार ने बिहार में 2565 करोड़ की लागत से बनने वाली 2924 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण का प्रस्ताव लौटा दिया है. राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर इसकी जानकारी दी. उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैकेज को धोखा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक इस संबंघ में कोई राशि नहीं आयी और पत्र भी नहीं आया. उन्होंने कहा कि पैकेज तो अखबार व टेलीविजन चैनलों के विज्ञापनों में दिख रहा है. केंद्र सरकार पर राज्य का 11 हजार करोड़ रुपया पहले से बकाया है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 20 हजार किमी पथों का निर्माण किया राज्य सरकार ने तैयार कराया है, इसकी राशि केंद्र सरकार ने अभी तक नहीं दी है. पीएमजीएसवाइ के तहत फस्ट फेज में बिहार को 56 हजार किलोमीटर सड़कों का आवंटन किया गया था, इसमें 50 हजार किलोमीटर की स्वीकृति मिली है.
राज्य सरकार ने दिसंबर, 14 से मार्च, 15 तक 2924 किमी लंबाई की पथ परियोजनाओं व 175 पुल परियोजनाओं का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था. इसकी लागत 2565 करोड़ है. केंद्र ने नये प्रस्तावों की स्वीकृति देने की जगह यह कहते हुए लौटा दिया कि वर्तमान में बार्षिक आवंटन के आधार पर नये पथ की स्वीकृति संभव नहीं है. अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध होने पर नये पथों की स्वीकृति दी जायेगी.
जनवरी के बाद राज्य को एक भी नयी परियोजना की स्वीकृति नहीं दी गयी है. केंद्र सरकार द्वारा पीएमजीएसवाइ फेज-2 के तहत पथों का उन्नयन आरंभ कर दिया गया है. यह सुविधा उन्हीं राज्यों को मिल रहा है जहां पर फेज-1 की सभी स्वीकृति प्राप्त कर ली है.
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