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दो सप्ताह में अतिक्रमणमुक्त हो पीयू कैंपस
हाइकोर्ट का फैसला : बाहरी ही नहीं, शिक्षक-कर्मचारी व छात्र को भी अवैध रूप से रहने की अनुमति नहीं पटना जिला और पीयू प्रशासन को मिला टास्क पटना : हाइकोर्ट ने पटना जिला प्रशासन व पीयू प्रशासन को दो सप्ताह में पटना यूनिवर्सिटी को अतिक्रमण मुक्त कराने का टास्क दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल […]
हाइकोर्ट का फैसला : बाहरी ही नहीं, शिक्षक-कर्मचारी व छात्र को भी अवैध रूप से रहने की अनुमति नहीं
पटना जिला और पीयू प्रशासन को मिला टास्क
पटना : हाइकोर्ट ने पटना जिला प्रशासन व पीयू प्रशासन को दो सप्ताह में पटना यूनिवर्सिटी को अतिक्रमण मुक्त कराने का टास्क दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी व न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी हाल में पीयू परिसर में अतिक्रमण नहीं रहना चाहिए. इतना ही नहीं, कोर्ट ने पीयू के छात्रावासों से भी अवैध कब्जा हटाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि परिसर को केवल बाहरी लोगों से नहीं, बल्कि शिक्षक, छात्र और कर्मचारी को भी अवैध कब्जे से मुक्त कराने को कहा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि पटना िवश्वििवद्यालय प्रशासन अपने परिसर में सभी प्रकार के लोगों के रहने तथा छात्रावासों में वैध तरीके से आवंटित छात्रों के नाम सूचीबद्ध करने का आदेश दिया. खंडपीठ ने कहा कि कुलपति की अनुमति से खास स्थिति में बाहरी लोगों को कुछ ही दिनों तक रहने की अनुमति दी जा सकती है. लेकिन, बाद में उन्हें हटना पड़ेगा. कोर्ट ने पटना िवश्वविद्यालय में शैक्षणिक परिवेश सुधारने के भी निर्देश दिये.
तो जिला व पीयू प्रशासन पर चलेगा मुकदमा
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दो सप्ताह के बाद किसी भी तरह के अतिक्रमण की घटना सामने आयेगी, तो जिला प्रशासन और पीयू प्रशासन के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलेगा. सभी प्रकार के अवैध गैराज, निर्माण और अवैध रूप से निर्मित धार्मिक स्थलों को हटाने को कहा. किसी भी हाल में एक भी निर्माण और एक भी आदमी अनधिकृत रूप से नहीं रहना चाहिए. पीयू प्रशासन को जिला प्रशासन, एसएसपी व डीजीपी से सहयोग लेने का सुझाव दिया.
सैदपुर से बैरंग लौटी टीम
पटना विवि और जिला प्रशासन की टीम शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने व हॉस्टल खाली कराने के लिए सैदपुर पहुंची, लेकिन टीम को वहां से बैरंग लौटना पड़ा. वहां लोगों ने टीम का जम कर विरोध किया. हालांकि प्रशासन से किसी प्रकार की झड़प की खबर नहीं है, लेकिन वहां के लोगों ने मामले के कोर्ट में होने और उस पर स्टे ऑर्डर होने की बात कही. जानकारी के अनुसार कोर्ट के स्टे आर्डर और पूर्व के आॅर्डर के मिलान के बाद कोई एक निर्णय लिया जायेगा. सिर्फ मिंटो हॉस्टल कोखाली कराया गया है. इसके अतिरिक्त अभी रानीघाट, हथुआ, बीएन कॉलेज, सैदपुर आदि को खाली कराया जाना बाकी है.
पीयू में अभी जारी रहेगी हड़ताल
पटना विवि में कर्मचारियों की हड़ताल अभी जारी रहेगी. शुक्रवार को कर्मचारियों की आमसभा में यह निर्णय लिया गया. हालांकि कर्मचारियों ने कहा है कि कोर्ट के आदेश का कर्मचारी पालन करेंगे. लेकिन, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. सभी कर्मचारियों से आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग राशि देने का भी निर्णय लिया गया है.
कर्मचारी संघ के महासचिव रणविजय ने कहा कि पीयू प्रशासन के की ओर से कोर्ट को गुमराह किया गया है कि हम अतिक्रमण के हटाने के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हम अपनी मांगों के लिए पिछले डेढ़ साल से संघर्ष कर रहे हैं. इसमें प्रमोशन, एसीपी, अनुकंपा पर बहाली, ग्रेड पे, कर्मचारियों को सुविधा, आवास आदि की मांग है. उसमें कहीं भी अतिक्रमण का विरोध नहीं किया गया है.
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