पटना : औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के तहत इंडस्ट्रीयल एरिया में भूमि एलॉट करा कर उद्योग न चलाने वालों को अब उद्योग विभाग कोई राहत नहीं देगा. उद्योग विभाग ने उद्योग खोलने के लिए लैंड-ट्रांसफर में 100 प्रतिशत छूट देने के फैसले में कोई परिवर्तन तो नहीं किया है,
किंतु भूमि लेने वाले उद्यमियों ने यदि दो वर्षो तक उद्योग से प्रोड्क्शन शुरू नहीं किया, तो उन्हें लैंड ट्रांसफर और बैंक गारंटी की छूट नहीं मिलेगी. दो वर्ष में प्रोडक्शन शुरू न करनेवाले उद्यमियों की बैंक गारंटी भी जब्त होगी. उद्योग विभाग ने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में संशोधन कर दिया है.
बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योग विभाग ने वर्ष 2011 में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति बनायी है. इसके तहत सूबे में उद्योग खोलने वालों को विभाग इंडस्ट्रीयल एरिया में भूमि खरीद पर ट्रांसफर शुल्क में 100 प्रतिशत छूट देता है. यही नहीं, उद्योग चलाने के लिए बैंकों से ऋण भी विभाग मुहैया कराता है. विभाग उद्यमियों को बैंक गारंटी मनी अपने स्तर से देता है.
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति तो बनी, किंतु इसका रिजल्ट बेहतर नहीं निकल रहा था. नया उद्योग लगाने को निवेशक नहीं आ रहे थे. उद्योग लगाने को कई नये उद्यमियों ने जमीन तो ले ली, किंतु उस पर उद्योग चालू नहीं किया गया. नया उद्योग लगाने को बैंकों से ऋण ले कर कई उद्योगों से प्रोड्क्शन शुरू नहीं हो सका. इस सिलसिले पर ब्रेक लगाने के लिए उद्योग विभाग ने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में नया प्रावधान किया है.
इंडस्ट्रीयल एरिया में उद्योग खोलने के लिए कई विधायकों ने भी फतुहा-बिहटा में भूमि व बैंक लोन ले रखा है, किंतु आज तक उन्होंने अपने उद्योगों से प्रोड्क्शन शुरू नहीं किया. प्राय: हर वर्ष उद्योग विभाग उन्हें बकया- लोन भुगतान करने को ले कर नोटिस भी जारी कर रहा है. औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के नये प्रावधान से इस पर रोक लगेगी.