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नियमावली के बहाने 108 स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक
पटना : राज्य के 108 सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों में विगत आठ साल से एक शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है. इसमें से कई स्कूल आजादी के पहले के हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में पत्र जारी करते हुए कहा कि जब तक नियमावली नहीं बनेगी, तब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी. उस […]
पटना : राज्य के 108 सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों में विगत आठ साल से एक शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है. इसमें से कई स्कूल आजादी के पहले के हैं. राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में पत्र जारी करते हुए कहा कि जब तक नियमावली नहीं बनेगी, तब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी. उस समय से आज तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पायी है. अल्पसंख्यक स्कूलों की बुनियाद गरीब बच्चे के पठन-पाठन के लिए रखी गयी थी.
पटना में तीन स्कूल बंद
पटना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक पटना में 17 अल्पसंख्यक स्कूल हैं. सभी स्कूल 40 से 50 साल पुराना है. शिक्षक के अभाव में तीन स्कूल मध्य विद्यालय अकौना(पुनपुन), लक्ष्मी कन्या प्राथमिक विद्यालय, पटना सिटी व दयानंद कन्या मध्य विद्यालय खुसरूपुर है. निदेशक को लिखे पत्र में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने उल्लेख किया है कि इन स्कूलों के शिक्षकों के वेतन व बकाया राशि के लिए सात करोड़ 20 लाख रुपये की जरूरत है.
मंत्री का आदेश नहीं सुन रहे
शिक्षा मंत्री पीके शाही ने 20 जुलाई 2015 को सचिव को अल्पसंख्यक स्कूलों पर 2007 से लगी रोक को हटाने की सिफारिश की थी. इस्लामिक उर्दू मध्य विद्यालय (फुलवारीशरीफ) के सचिव ने ज्ञापन देकर शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया था.
क्या कहते हैं अधिकारी
शिक्षा विभाग के प्रवक्ता व निदेशक प्राथमिक शिक्षा अमित कुमार का
कहना है कि विभाग ने प्राथमिक अल्पसंख्यक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में वित्त विभाग से स्वीकृति ली जा रही है. मंजूरी मिलने के बाद बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी.
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