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मांगों को लेकर संगठनों का प्रदर्शन

हक के लिए आवाज : गांधी मैदान क्षेत्र से शुरू कर जेपी गोलंबर के समक्ष दी गिरफ्तारी पटना : विधानमंडल सत्र के चलते दूसरे दिन भी विभिन्न संगठनों का राजधानी में धरना-प्रदर्शन जारी रहा. नयी व्यवस्था के तहत अधिकतर संगठनों ने गांधी मैदान क्षेत्र में ही प्रदर्शन किया और जेपी गोलंबर के समक्ष अपनीगिरफ्तारी दी. […]

हक के लिए आवाज : गांधी मैदान क्षेत्र से शुरू कर जेपी गोलंबर के समक्ष दी गिरफ्तारी
पटना : विधानमंडल सत्र के चलते दूसरे दिन भी विभिन्न संगठनों का राजधानी में धरना-प्रदर्शन जारी रहा. नयी व्यवस्था के तहत अधिकतर संगठनों ने गांधी मैदान क्षेत्र में ही प्रदर्शन किया और जेपी गोलंबर के समक्ष अपनीगिरफ्तारी दी. प्रदर्शनकारियों को फ्रेजर रोड की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए मौर्या होटल के समीप विशेष इंतजाम किये गये थे.
700 टीइटी-एसटीइटी अभ्यर्थियों ने दी गिरफ्तारी : बिहार राज्य टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से मंगलवार को सीएम के घेराव कार्यक्रम के तहत दोपहर डेढ़ बजे जनाक्रोश मार्च निकाला गया. इसमें हजारों की संख्या में उत्तीर्ण अभ्यर्थी पहुंचे. मार्च कारगिल चौक से जैसे ही आगे बढ़ी, पुलिस ने उन्हें रोक दिया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हल्की लाठियां भी चलायी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के समक्ष गिरफ्तारी दी. करीब 600 से 700 की संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस गिरफ्तार कर ले गयी. देर शाम प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया. संघ के प्रदेश संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि संघ द्वारा बीते 27 दिनों से उपवास व धरना जारी है. मांगे पूरा होने तक आंदोलन जारी रखा जायेगा.
रसोइया संघ का तीन दिवसीय धरना : बिहार राज्य मध्याह्न् भोजन रसोइया संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन का नेतृत्व संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद कुमार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार में रसोइयों की स्थिति दयनीय है. प्रतिमाह एक हजार रुपया दिया जा रहा है. आठ से नौ घंटे काम करनेवाले रसोइयों को 12 महीने में 10 महीने का ही वेतन मिलता है. उन्होंने सरकार से मानदेय के एवज में 15 हजार रुपये व आकस्मिक अवकाश व स्थायी नौकरी देने की मांग की.
आशा कार्यकर्ताओं ने निकाला जुलूस : बिहार राज्य आशा संघ की ओर से मांगों को लेकर जुलूस निकाला गया. राज्य अध्यक्ष कौशलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि सरकार आशाकर्मियों की मांगों को लेकर दिलचस्पी नहीं ले रही है. वे इनके मरणोपरांत चार लाख रुपये देने की बात की घोषणा कर उनके साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रही है. ऐसे में संघ द्वारा मांगों को लेकर जुलूस निकाला गया है. इसमें आशा कार्यकर्ता को सरकारी सेवक घोषित करने तथा 15 हजार रुपये मानदेय देने की मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो संघ द्वारा आंदोलन किया जायेगा.
सरकारीकरण करने को लेकर किया प्रदर्शन : बिहार राज्य संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ व वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोरचा की ओर से मंगलवार को राज्य भर के सभी विश्वविद्यालयों के हजारों शिक्षक-कर्मचारियों ने गर्दनीबाग में विशाल प्रदर्शन किया. इसमें संबंद्ध डिग्री कॉलेजों का अधिग्रहण, कार्यरत शिक्षाकर्मियों का सेवा सामंजन, राज्य सरकार द्वारा जारी संकल्प संख्या 1046 के आधार पर पूर्व की भांति सृजित व अनुशंसित पदों पर कार्यरत शिक्षाकर्मियों को पांच वर्षो का बकाया भुगतान, पूरा वेतनमान देने की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.
बाल श्रमिक विशेष विद्यालयकर्मी भी सड़क पर उतरे : बाल श्रमिक विशेष विद्यालय शिक्षक व कर्मचारी संघ की ओर से तीन सूत्री मांगों को लेकर को दो दिवसीय धरना दिया गया. संघ के महामंत्री राजीव कुमार ने कहा कि बाल श्रमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों का दूसरे विद्यालय में सामंजन करने की मांगों को लेकर बीते वर्ष अनिश्चितकालीन धरना दिया गया था, जो 54वें दिन सरकार के सकारात्मक पहल पर समाप्त की गयी थी. बावजूद अब तक कोई पहल नहीं हुई.
किया गया है. इसके खिलाफ संघ द्वारा राजधानी समेत पूरे बिहार में दो दवसीय धरना पर बैठ गये हैं. यदि सरकार तीन सूत्री मांगों को पूरा नहीं करती हैं, तो संघ द्वारा आंदोलन को तेज किया जायेगा.
धरना पर रहे अराजकीय प्रारंभिक शिक्षक : बिहार राज्य अराजकीय प्रारंभिक शिक्षक संघर्ष मोरचा की ओर से 390 कोटि के गैर सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों के अधिग्रहण करने की मांगों को लेकर मंगलवार को 69वें दिन भी धरना जारी रहा. संघ के महामंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि शिक्षकों व कर्मचारियों द्वारा जारी धरना के बावजूद अब तक सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
यदि 390 कोटि के विद्यालयों का अधिग्रहण और उसमें कार्यरत शिक्षकों व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान करने की मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो संघ द्वारा आंदोलन जारी रखा जायेगा.
सांख्यिकी स्वयंसेवकों को समर्थन देने पहुंचे मांझी-पप्पू
पटना : बिहार राज्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवकों को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी साथ मिल गया है. मंगलवार को आमरण अनशन आंदोलन के सातवें दिन मांझी, हम के प्रदेश अध्यक्ष शकुनी चौधरी और जन अधिकार मोरचा के संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव कारगिल चौक पर पहुंचे.
साथ ही महागंठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी उनका समर्थन किया. सभा को संबोधित करते हुए मांझी और पप्पू यादव ने कहा कि सांख्यिकी कर्मियों की मांग जायज है. सरकार को इनकी मांग अविलंब मांग लेनी चाहिए. उन्होंने लाठीचार्ज की निंदा करते हुए सभी निदरेषों पर एफआइआर वापस लेने की भी मांग की.
उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो तीन महीने में उनकी मांग पूरी कर दी जायेगी. सांख्यिकी कर्मियों ने भी लाठीचार्ज की घटना की निंदा करते हुए इसे सरकार का गलत कदम ठहराया. मौके पर मंजय कुमार, दुर्गा बिहारी, रोहित रंजन, रामेश्वर प्र चौरसिया सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.

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