उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को एनएच के रखरखाव पर पैसे खर्च करने होंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि यदि बिहार का भला करना चाहते हैं और बिहार पर ध्यान है, तो पहले एनएच को ठीक कीजिए. उन्होंने कहा कि एनएच के निर्माण और मरम्मत पर जितनी भी राशि की जरूरत हो, उसकी व्यवस्था केंद्र सरकार को करनी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आगे बढ़ कर एनएच की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च किये. केंद्र से लगातार उन पैसों की मांग की जा रही है.
लेकिन, अब तक नहीं मिले. उन्होंने कहा कि कुछ एनएच की मरम्मत राज्य सरकार को करनी होती है. लेकिन, इसके लिए जितनी भी राशि की जरूरत होती है, उसके अनुरूप केंद्र सरकार से पैसे का आवंटन नहीं होता है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से इस संबंध में सिर्फ बातें की जाती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता, तो खूब उद्योग-धंधे लगते. यहां के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता. उन्होंने कहा कि 2005 में सत्ता संभालने के बाद मैंने जो कहा, वह करके दिखाया.
राज्य के किसी कोने से छह घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है. अब पांच घटे में पहुंचने को लेकर काम किया जा रहा है. दूरी कम करने के लिए नयी सड़कों व पुलों के निर्माण की आवश्यकता पड़ी, तो उन्हें बनाया जायेगा. एक वह समय था, जब पूर्णिया, किशनगंज, भागलपुर आदि सुदूर इलाके में जाने के लिए सोचना पड़ता था. सड़क के निर्माण से संपर्क, कारोबार, रोजगार बढ़ जाता है.
तरक्की के लिए सड़क निर्माण जरूरी है. इस दौरान उन्होंने 27 जुलाई को अपनी 10 साल की सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड जारी करने की भी घोषणा की. इस दौरान पथ निर्माण मंत्री ललन सिंह, पथ निर्माण विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह, सीएम के सचिव चंचल कुमार मौजूद थे.