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व्यापमं में कोचिंग संचालक भी शामिल

पटना: मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गयी है. इसके बाद से जिन रसूखदारों के बचने की या अब तक सामने नहीं आने की बात हो रही थी, उनकी भी अब नींद हराम हो गयी है. बिहार में भी इसकी जांच की धमक इस महीने के अंत तक शुरू […]

पटना: मध्य प्रदेश में हुए व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गयी है. इसके बाद से जिन रसूखदारों के बचने की या अब तक सामने नहीं आने की बात हो रही थी, उनकी भी अब नींद हराम हो गयी है. बिहार में भी इसकी जांच की धमक इस महीने के अंत तक शुरू होने जा रही है. सूत्रों के अनुसार, बिहार में कई कोचिंग संचालकों के भी इस घोटाले में जुड़े होने के सुराग अब तक मिले हैं, परंतु एमपी (मध्य प्रदेश) एसटीएफ इस संबंध में बहुत सटीक सबूत नहीं जुटा पायी.

इस वजह से किसी कोचिंग संचालक पर वह हाथ नहीं डाल पायी. जबकि, व्यापमं की जांच कर रही टीम के पास इस बात की स्पष्ट सूचना थी कि बिहार के कई कोचिंग संचालक भी एडमिशन में गलत काम धड़ल्ले से करते थे. ऐसे रैकेटबाज सामने आ सकते हैं.

स्कॉलरों के बड़े सरगना तक पहुंच नहीं: सूत्रों की मानें तो स्कॉलरों की पहुंच सीधे बड़े सरगना तक नहीं है. इनसे महज छात्रों तक पैसे और फर्जी एडमिट कार्ड पहुंचाने वाले छोटे सेटरों के बारे में ही जानकारी मिली है. ये सेटर बिचौलिये का काम करते थे और इनके एवज में इन्हें कमीशन मिलता था. नालंदा के अस्थावां प्रखंड स्थित बेन गांव के सुजीत व रणजीत तथा सासाराम के अनिल व अमरदीप समेत पीएमसीएच, बेतिया मेडिकल कॉलेज आदि के आरोपित छात्र महज स्कॉलर वाला ही काम करते थे. सीबीआइ की गिरफ्त में बड़े व छोटे दोनों तरह के सेटरों के आने की आशंका है.

जिसके खिलाफ सबूत जुटाने आयी टीम, वही नहीं मिला

एसटीएफ टीम इस क्षेत्र के जिस पुराने धुरंधर व नालंदा निवासी के खिलाफ सबूत जुटाने में यहां लगी हुई थी, उसमें वह नाकाम रही. उस बड़े सरगना के खिलाफ कोई ठोस सबूत अब तक नहीं मिलने से उसका नाम खुल कर सामने नहीं आ रहा है. एमपी एसटीएफ बिहार के उन 32 लड़कों की तलाश करने आयी थी, जिनके खिलाफ इंदौर थाने में एफआइआर दर्ज हैं. इनमें सबसे ज्यादा स्कॉलर का काम करनेवाले छात्र थे. इस वजह से उनकी तलाश के लिए टीएम ने राज्य के कई मेडिकल कॉलेजों में छापेमारी की थी. हालांकि उनमें से छह छात्रों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन उनसे पूछताछ में छोटे सेंटरों के ही नाम सामने आये हैं.

सीबीआइ फिर कर सकता है पूछताछ

गिरफ्तार हुए छह छात्रों से फिर से सीबीआइ पूछताछ कर सकती है, ताकि बड़े सेटरों तक पहुंचा जा सके. सीबीआइ ने इस मामले में नये सिरे से एफआइआर करते हुए जांच शुरू की है. इस जांच से कई ऐसे तथ्य सामने आ सकते हैं, जिससे मध्य प्रदेश के साथ-साथ बिहार में भी कई बड़े लोगों की गरदन फंस सकती है.

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