पटना: ‘टेरर फाइनेंस’ को लेकर बिहार पुलिस ने पहली बार सड़क निर्माण से जुड़ी कंपनियों व उनकी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है. इसके दायरे में सड़क निर्माण कंपनी को टेंडर दिलानेवाले अधिकारियों व कर्मियों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.
भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ अलग से मूल्यांकन कर आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने का मामला दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो फिलवक्त जहां सड़क निर्माण कंपनी द्वारा नक्सलियों व अपराधियों को किये जा रहे फाइनेंस पर फोकस किया गया है, वहीं इसका दायरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
सिपाही मरे या नक्सली दस्ते के लोग दोनों गरीब
पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारी की मानें, तो नक्सलियों के खिलाफ जारी पुलिस ऑपरेशन में सिपाही की मौत होती है या नक्सली दस्ते के किसी सदस्य की, दोनों कम आय वाले समूह के सदस्य होते हैं.
नक्सली संगठन के प्रमुख या टेरर फाइनेंस में लगी कंपनियां फायदे में होती हैं. ऐसा अब बिहार में नहीं होने दिया जायेगा. स्पेशल टास्क फोर्स एवं आर्थिक अपराध इकाई को दोनों स्तरों पर कार्रवाई करने को कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि कंपनियों द्वारा एक ओर तो सुरक्षा की मांग की जाती है, दूसरी ओर औरंगाबाद व गया में सुरक्षाकर्मियों की हत्या व हथियारों की लूट भी हो रही है. पुलिस मुख्यालय द्वारा इसके बाद ही कंपनियों की भूमिका की जांच शुरू की गयी है.