पटना : हर बीमारी का इलाज संभव है, लेकिन तभी जब उसकी पहचान पहले स्टेज में हो जाये. बीमारी के पूरे शरीर में फैल जाने के बाद डॉक्टर भी कुछ नहीं कर सकते. दुनिया भर में हार्ट रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. भारत का स्थान सबसे ऊपर है.
ये बातें शुक्रवार को इस्ट इंडिया इंटरवेंशन कार्डियोलॉजी कन्क्लेव व कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की बिहार शाखा के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन साइंटिफिक सत्र में मेदांता मेडिसिटी के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहान ने कहीं. उन्होंने कहा कि कार्डियक सजर्री को रोबोटिक सजर्री ने काफी आसान बना दिया है.
इस विधि से बिना चीरा लगाये ही ऑपरेशन किया जा रहा है. सजर्री का सीधा प्रसारण : डॉ आरके अग्रवाल ने कहा कि मगध हॉस्पिटल, हार्ट हॉस्पिटल व फोर्ड हॉस्पिटल में जटिल कोरोनरी आर्टरी रोग से ग्रस्त हार्ट रोगियों की सजर्री की गयी, जिसका सीधा प्रसारण सम्मेलन में किया गया.
जल्द शुरू होगी डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई : स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि आइजीआइएमएस व आइजीआइसी में 2013 के अंत तक डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई शुरू की जायेगी. इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि डीएम कार्डियोलॉजी की पढ़ाई के लिए चिकित्सकों को राज्य से बाहर न जाना पड़े.
मंत्री ने कहा कि सभी जिलों के प्राथमिक, रेफरल अस्पतालों में इसीजी मशीन लगाये जायेंगे. इसके लिए पीएचसी में भी कार्डियोलॉजिस्ट की बहाली की जायेगी. डॉ एसएस चटर्जी ने कहा कि हदय रोगियों के इलाज के लिए आइजीआइसी को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है.
मौके पर डॉ प्रभात कुमार, डॉ संजीव कुमार, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ आदित्य कपूर, डॉ एके पनचौलिया, डॉ देवव्रत राय, डॉ प्रमीण चंद्रा, डॉ रमेश अरोड़ा, डॉ पीसी राय, डॉ यूसी सामल, डॉ दीपक गुप्ता, डॉ एनपी वर्मा, डॉ पीके ओझा, डॉ इंद्रभूषण सिन्हा, डॉ बसंत सिंह, डॉ आरके अग्रवाल, डॉ संदीप, डॉ रॉबिन चक्रवती, डॉ यूसी सामल, डॉ पीसी रथ, डॉ केके वरूण, डॉ संजीव, डॉ अजय कुमार सिन्हा, डॉ बीबी भारती सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.