संवाददाता, पटनाजहानाबाद की महिला रीता देवी का कुछ समय पहले वहां स्थित दीप शिखा अस्पताल में डॉक्टर गीता सिन्हा ने सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया था. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने उनकी पेशाब की नली काट दी थी. बड़ी मुश्किल से रीता की जान बची थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने पूरी मामले को सही पाया और जहानाबाद एसपी को मेडिकल मामले में अनदेखी करने का मामला दर्ज करने का निर्देश जारी किया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को भी निर्देश दिया है कि राज्य स्तर पर झोला छाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाये. मानवाधिकार आयोग के सदस्य नीलमणि को एसपी जहानाबाद ने बताया कि इस मामले में डॉ गीता सिन्हा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई चल रही है. इस मामले में डॉक्टर सरेंडर भी कर चुकी हैं. सदस्य ने अगस्त 2015 तक मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को सख्त निर्देश दिया है कि वे झोला छाप डॉक्टरों को सभी जिलों में चिह्नित करें और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. जिलों में चलने वाले ऐसे अवैध क्लिनिकों को भी बंद कराने के लिए अभियान चलाये. इस संबंध में निदेशक प्रमुख ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को कार्रवाई करने से संबंधित उचित निर्देश जारी कर दिया है. मानवाधिकार आयोग ने इस अभियान की मॉनीटरिंग करने का आदेश निदेशक प्रमुख को दिया है.
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मानवाधिकार आयोग ने कहा झोला छाप डॉक्टरों पर करें कार्रवाई
संवाददाता, पटनाजहानाबाद की महिला रीता देवी का कुछ समय पहले वहां स्थित दीप शिखा अस्पताल में डॉक्टर गीता सिन्हा ने सिजेरियन ऑपरेशन कर दिया था. ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने उनकी पेशाब की नली काट दी थी. बड़ी मुश्किल से रीता की जान बची थी. इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य मानवाधिकार आयोग ने […]
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