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ससुर के नाम पर जमीन रजिस्ट्री के लिए दीदारगंज इंस्पेक्टर ने रचा प्रपंच दारोगा ने अपहर्ता को दिये 11 लाख
पटना: बेऊर से उमेश प्रसाद सिंह को अपहरण करने के पीछे जबरदस्ती जमीन रजिस्ट्री कराने की साजिश थी. अपहर्ता चंदन ने बेऊर में 11 कट्ठे की जमीन के मालिक उमेश को इसलिए उठाया था. खास बात यह है कि यह रजिस्ट्री दीदारगंज के इंस्पेक्टर मुखलाल पासवान के ससुर के नाम से करायी जानी थी. दो […]
पटना: बेऊर से उमेश प्रसाद सिंह को अपहरण करने के पीछे जबरदस्ती जमीन रजिस्ट्री कराने की साजिश थी. अपहर्ता चंदन ने बेऊर में 11 कट्ठे की जमीन के मालिक उमेश को इसलिए उठाया था. खास बात यह है कि यह रजिस्ट्री दीदारगंज के इंस्पेक्टर मुखलाल पासवान के ससुर के नाम से करायी जानी थी. दो कट्ठे की भूमि रजिस्ट्री के लिए इंस्पेक्टर ने चंदन को 11 लाख रुपये कैश दिया था. लेकिन, जब चंदन को पुलिस ने गिरफ्तार कर उमेश को बरामद कर लिया, तो मामले का खुलासा हो गया. इसके बाद इंस्पेक्टर बेऊर थाने पहुंचे और चंदन से पांच लाख और छह लाख का दो चेक ले लिया. इस मामले में इंस्पेक्टर मुखलाल को सस्पेंड कर दिया गया है.
इस संबंध में डीआइजी शालीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरा जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हरदिया के रहनेवाले उमेश प्रसाद का बेऊर में 11 कट्ठे का प्लॉट है. इस जमीन पर तत्कालीन इंस्पेक्टर मुखलाल की नजर थी. वह इसमें दो कट्ठे जमीन अपने ससुर के नाम से खरीदना चाहता था. इसके लिए इंस्पेक्टर ने अपराधी चंदन से संपर्क किया. पैसा उमेश के बजाय इंस्पेक्टर ने चंदन को दिया. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. इसमें और भी खुलासे हो सकते हैं.
इंस्पेक्टर की साजिश की हो रही जांच : डीआइजी
उमेश की बरामदगी के बाद मामले की जांच सिटी एसपी राजीव मिश्र कर रहे थे. सिटी एसपी को पता चला कि बेऊर में पहले तैनात रह चुके दीदारगंज के इंस्पेक्टर मुखलाल पासवान उस दिन बेऊर थाने पहुंचे थे और लॉकअप में जाकर चंदन से उसी के नाम के चेक बुक पर साइन कराया. जब इसकी जांच की गयी तो पता चला कि मुखलाल ने दो चेक लिये, एक चेक पांच लाख और दूसरा चेक छह लाख का था. इस पूरा चंदन से पूछताछ में सारा मामला खुल कर सामने आया. इस पर सिटी एसपी की रिपोर्ट पर डीआइजी ने मामले संलिप्तता के आरोप में मुखलाल को सस्पेंड कर दिया है. डीआइजी ने कहा कि किडनैपिंग में इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच हो रही है. अगर इंस्पेक्टर ने अपहरण कराया होगा, तो साक्ष्य के आधार पर एफआइआर दर्ज की जायेगी.
2013 में कमल हत्या में शामिल था चंदन
पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में जानीपुर के रहनेवाले कमल नारायण की हत्या कर दी गयी थी. उसकी लाश को गंगा में फेंक दिया गया था, जो आज तक बरामद नहीं हो सकी है. बताया जाता है कि इस मामले में रनिया तालाब का रहनेवाला चंदन का नाम सामने आया. उस समय बेऊर में मुखलाल पासवान इंस्पेक्टर थे और उन्होंने चंदन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इसके बाद चंदन जब जमानत पर जेल से बाहर आया, तो मुखलाल से उसकी नजदीकियां बढ़ गयीं. इसी बीच यह मामला डील हुआ.
26 जून को हुआ था उमेश का अपहरण
11 लाख मिलने के बाद चंदन ने अपहरण की साजिश रची. उसने 26 जून को बेऊर से उमेश प्रसाद को उठा लिया. उसने दो दिनों तक उसे अपने कब्जे में रखा और फिर 28 जून को उसकी पत्नी को फोन करके बताता है कि जब तक उमेश जमीन की रजिस्ट्री नहीं कर देता उसे नहीं छोड़ा जायेगा. इस पर उसकी पत्नी ने जगदीशपुर थाने में संपर्क की. वहां बताया गया कि जिस नंबर से फोन आया है, वह पटना का है. फिर वह पटना आयी और पुलिस से मिली. इस पर 30 जून को एफआइआर दर्ज की गयी. पुलिस ने नंबर ट्रेस किया और उसी दिन उसका लोकेशन लिया. मोबाइल का लोकेशन पटना के निबंधन कार्यालय के पास मिला. इस पर बेऊर व गांधी मैदान की पुलिस निबंधन कार्यालय पहुंची और चंदन के कब्जे से उमेश को मुक्त कराया. पुलिस ने चंदन को गिरफ्तार कर बेऊर भेज दिया.
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