राजद, कांग्रेस व राजद के पास कोई उपलब्धि तो है नहीं, जिसे वह जनता को बता सके. बस इन दलों का एक सूत्री एजेंडा है केंद्र सरकार व भाजपा का विरोध. उन्होंने कहा कि भाजपा को जनता का समर्थन है. पिछड़े वर्ग के एक गरीब का चाय बेचनेवाला बेटा देश का प्रधानमंत्री बना, तो इसके इसके पीछे गुजरात का वह विकास है, जिसके मॉडल की दुनिया भर में चर्चा है. जदयू सुप्रीमो ने भाजपा की नकल कर जनता के बीच पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं,लेकिन भाजपा के विकास और सुशासन जैसी उपलब्धियां कहां से बता पायेंगे.
जिन उपलब्धियों को वे गिनाते फिर रहे हैं, वे तो भाजपा के बिहार सरकार में रहने की बदौलत हासिल की गयी थी. अगर खुद उनमें इच्छा शक्ति होती तो दो साल में बुरा हाल क्यों हो गया. यादव ने कहा कि जिन सड़कों को हमने दिन-रात एक कर बनवाया, बिहार का नाम चमकाया, वे दो साल में मरम्मत के अभाव में जजर्र- बदहाल है. कई पुल-पुलिये ऐसी हालत में है कि उसपर आने-जाने में हादसे का खतरा बना रहता है. जलापूर्ति योजना की नाकामी से पीने के पानी का संकट है, केंद्र पर आरोप मढ़ने की राजनीति ने बिहार की जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. और जदयू सुप्रीमो घर-घर जाकर दस्तक देने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि जनता के घर पर दस्तक देकर क्या यह सच बतायेंगे कि दो सालों में काम नहीं कर पाने के कारण बिहार सरकार के ज्यादातर विभागों को केंद्रीय राशि वापस लौटानी पड़ी.