पटना. सूचना जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शनिवार को बिहार 2025 पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के फैसले की तीखी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है. उसका यह निर्देश आपत्तिजनक है. विजय कुमार चौधरी और वित्त मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि जदयू ने मांग की है कि बिहार में जब आदर्श आचार संहिता लागू है, तब केंद्र सरकार के कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री कैसे भाग ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में भाजपा नेताओं के भाग लेने पर रोक लगनी चाहिए. इसमें दूसरे प्रदेशों के मंत्रियों को भी भाग लेने के लिए भाजपा ने आमंत्रित किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता राज्य के विकास के लिए लोगों के परामर्श पर तैयार किये जा रहे दस्तावेज पर भी राजनीति कर रहे हैं. भाजपा नेता इसको लेकर कभी चुनाव आयोग जाते हैं, तो कभी बयानबाजी कर रहे हैं. यह डॉक्यूमेंट तो आनेवाली सरकारों के लिए तैयार हो रहा है, जिसका उपयोग कोई भी कर सकता है. इसमें प्रचार की कोई बात भी नहीं है और नहीं सरकार ने अभी तक प्रचार कार्य ही शुरू किया है. कहीं कोई कार्यक्रम भी नहीं दिया जा रहा है.
लोगों से बात कर दस्तावेज तैयार किया जा रहा. इसमें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की बात ही नहीं है. सूचना जनसंपर्क विभाग अपने कार्य के अनुरूप इसे आगे बढ़ा रहा है.
श्री चौधरी ने कहा कि सरकार पर आरोप लगानेवाले भाजपा नेताओं को तो बताना चाहिए कि उनके मंत्री हर रोज बिहार में आकर कभी कौशल विकास केंद्र की स्थापना की घोषणा करते हैं, तो हर रोज क्या-क्या विज्ञापन छपवाते हैं. इसको लेकर सरकार ने कभी आपत्ति नहीं जतायी. उन्होंने बताया कि यह जनसंवाद कार्यक्रम है, जिसके 10 मॉड्यूल हैं.
अभी तो इसके दो मॉड्यूल जनभागीदारी व जिज्ञासा की शुरुआत की गयी है. इसके तहत दो-तीन माह में 40 हजार गांवों में जाकर बाहर रहनेवाले लोगों, विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, सिविल सोसाइटी संगठनों के सदस्यों, मीडिया व तमाम सामाजिक -आर्थिक वर्गो के लोगों तक पहुंच कर राज्य के विकास का एजेंडा स्थापित करना है. जनभावनाओं को समेटते हुए एक व्यापक दृष्टि पत्र ‘बिहार 2015’ तैयार किया जायेगा. यह राज्य की जनता द्वारा विकास की आगामी कथा होगी. उन्होंने बताया कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने 13 जून को सभी डीएम को पत्र भेज कर इस कार्यक्रम में विधान परिषद चुनाव में शामिल किसी भी पदाधिकारी, कर्मचारी को जनभागीदारी कार्यक्रम में शामिल होने पर रोक लगा दी है. इसके अलावा इस कार्यक्रम में विधान परिषद चुनाव से संबंधित कोई भी मतदाता, जिसमें मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला पार्षद के अलावा नगर निकाय के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को भागीदारी के लिए आमंत्रित करने या भागीदारी करने पर मनाही लगा दी गयी है. विभाग द्वारा इसका अक्षरश: पालन किया जा रहा है.