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राहत की उम्मीद: मास्टर प्लान में प्रस्ताव, सुधरेगी पटना की ट्रैफिक व्यवस्था, मनेर से बंकाघाट तक बाइपास
पटना: पटना की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए बाइपास बनेगा. मास्टर प्लान, 2031 में बंकाघाट से मनेर तक नये बाइपास बनाने का प्रस्ताव है. प्रस्तावित बाइपास की चौड़ाई 80 मीटर निर्धारित है, जबकि लंबाई 40 किलोमीटर है. यह बाइपास शहर की सेंट्रल स्पाइन के रूप में चिह्न्ति की गयी है, जो नगवा, रेवा, शिवाला, खेदरपुरा, […]
पटना: पटना की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए बाइपास बनेगा. मास्टर प्लान, 2031 में बंकाघाट से मनेर तक नये बाइपास बनाने का प्रस्ताव है. प्रस्तावित बाइपास की चौड़ाई 80 मीटर निर्धारित है, जबकि लंबाई 40 किलोमीटर है. यह बाइपास शहर की सेंट्रल स्पाइन के रूप में चिह्न्ति की गयी है, जो नगवा, रेवा, शिवाला, खेदरपुरा, नोहसा, खगौल (एम्स के नजदीक), नाथुपुर, सदल्लीचक, भोगीपुर, बैरिया, इलाहीबाग, नारायण नगर, धौलपुरा, मिरचक कोठिया, सिमली मुरारपुर, चिमोचक और सबलपुर को जोड़ेगी. इसके अलावा मास्टर प्लान में 60 मीटर चौड़ी11 नयी सड़कों का प्रस्ताव है.
मास्टर प्लान को लेकर गुरुवार को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बिहार शहरी आयोजन एवं विकास बोर्ड की बैठक हुई. 74 स्लाइड के माध्यम से मास्टर प्लान पर चर्चा हुई. इसमें 25 विभागों के प्रधान सचिव व सचिवों ने भाग लिया. कई विभागों ने सुझाव दिया कि वे अपने स्तर से भी मास्टर प्लान को जांच कर इसे देखना चाहते हैं कि संबंधित विभाग को भविष्य में कोई परेशानी तो नहीं होगी. 10 दिनों के बाद पुन: बोर्ड की बैठक में इस पर अंतिम रूप से चर्चा होगी. इसके बाद कैबिनेट में इस पर सहमति ली जायेगी.
बैठक के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि कुछ विभागों ने आपत्ति जतायी कि मास्टर प्लान के साथ सिटी डेवलपमेंट रेगुलेशन में भी किस क्षेत्र में रोड की स्थिति क्या होगी, वहां पर क्या गतिविधि होगी, इसकी व्याख्या होनी चाहिए. जल संसाधन विभाग ने ड्रेनेज, चैनल और प्राकृतिक जल स्नेतों को मास्टर प्लान में एक बार पुन: जांचने की आवश्यकता बतायी.
पटना भूकंप की दृष्टि से जोन चार में है, जबकि इसे जोन पांच के अनुसार तैयार करने का सुझाव दिया गया. यह भी सुझाव आया कि पटना मास्टर प्लान में कमर्शियल क्षेत्र के लिए 5.39 फीसदी भूमि निर्धारित की गयी है. इसे पटना के समरूप शहरों के मास्टर प्लान से तुलना करके देखा जाना चाहिए. बैठक में पटना मास्टर प्लान में प्रस्तावित एयरपोर्ट को लेकर किसी तरह की आपत्ति नहीं आयी.
आये अहम सुझाव
ड्रेनेज, चैनल और प्राकृतिक जल स्नेतों को एक बार पुन: जांचा जाये
पटना भूकंप की दृष्टि से जोन चार में है, पर तैयारी जोन पांच के अनुसार हो
अन्य समकक्ष शहरों से तुलना कर कमर्शियल क्षेत्र तय हो
अभी अनुशंसा शुरू भी हो जाये, तो दो माह से पहले पास नहीं होगा नक्शा
निगम प्रशासन ने घोषणा कर रखी है कि नक्शा बनवाने के इच्छुक लोग निबंधित वास्तुविदों से नक्शा बनवा कर अनुशंसा कर सकते हैं. लेकिन, गुरुवार तक निगम में नक्शा पारित के लिए एक भी आवेदन प्राप्त नहीं है. स्थिति यह है कि नक्शा पारित करने की अनुशंसा निगम प्रशासन प्राप्त भी करना शुरू कर दे, तो दो माह से पहले नक्शा पारित नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि नक्शा पास करने के पहले इसे जांच की तीन चरणों से गुजरना होगा और इसमें कम-से-कम 60 दिन लगेंगे. नगर आयुक्त जय सिंह ने नये वास्तुविदों का पैनल बनाया. इसके साथ ही अभियंता और टाउन प्लानरों को भी पैनल में शामिल किया है, जो अनुशंसित नक्शे की जांच करेंगे.
प्रभारी नगर आयुक्त ने नक्शा पारित की प्रक्रिया का ले-आउट तैयार किया है. इस ले-आउट को नगर आवास विकास विभाग के प्रधान सचिव को भेजा है, जिस पर मार्गदर्शन की मांग की गयी है. इसके साथ ही नगर आयुक्त ने निगम क्षेत्र में रहनेवाले आम लोगों से भी ले-आउट पर सुझाव की मांग की है. आम लोग, वास्तुविद्, टाउन प्लानर और अभियंता अपनी सुझाव 15 जून तक दे सकते हैं. निगम प्रशासन सुझाव का भी इंतजार कर रही है. इसके बाद ही प्रक्रिया शुरू होगी.
चार चरणों में ले-आउट
पहले चरण में इच्छुक आवेदक को नक्शा पास कराने के लिए कैसे आवेदन करना है, यह बताया गया है. आवेदन प्राप्त करने के लिए एक काउंटर खोला जायेगा, जो 11 से तीन बजे तक आवेदन प्राप्त करेगा. दूसरे चरण में नक्शे के अनुरूप स्थल जांच व समीक्षा के बाद नक्शा पारित करने की प्रक्रिया पूरा होगी. तीसरे चरण में नक्शा पारित होने के बाद नक्शे के अनुरूप निर्माण कार्य की जांच प्रक्रिया और चौथे चरण में नक्शा पारित करने के लिए समिति गठित करने की अनुशंसा की है. इस ले-आउट पर प्रधान सचिव का मुहर लग जाने के बाद नक्शा स्वीकृत करने की प्रक्रिया शुरू होगी.
अंचल स्तर पर बनी समिति
नगर आयुक्त ने चारों अंचल में नक्शा स्वीकृत करने को लेकर तीन सदस्यीय समिति बनायी है. इस समिति में अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी के साथ-साथ संबंधित उपनिदेशक व कार्यपालक अभियंता और सहायक निदेशक व सहायक अभियंता शामिल होंगे. इस समिति द्वारा ही आवेदक के नक्शा की जांच होगी और जांच के बाद नक्शा पारित करने की अनुशंसा नगर आयुक्त को करेंगे. इसके बाद नगर आयुक्त नक्शा को स्वीकृत करेंगे.
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